शरद पवार ने राफेल मामले पर पीएम मोदी को घेरा, बोले- सरकार ने दस्तावेजों की चोरी की बात संसद से क्यों छिपाई
नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को राफेल लड़ाकू विमान की डील से संबिधित दस्तावेज चोरी होने के रक्षा मंत्रालय के बयान को चौंकाने वाला बताया। उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि ऐसी परिस्थिति में सुरक्षा के मोर्चे पर देश की स्थिति क्या होगी। शरद पवार ने कहा कि अब स्पष्ट हो गया है कि कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए यह सौदा किया गया।
'संसद को क्यों नहीं बताई चोरी की बात'
केंद्र सरकार ने कल सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि राफेल विमान समझौते से जुड़े दस्तावेज चोरी हो गए हैं। इससे विपक्षी दलों को पहले से ही विवादों में फंसे 58,000 करोड़ रुपये के राफेल सौदे पर दोबारा सवाल उठाने का मौका मिल गया है। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एनसीपी कार्यकर्ताओं को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि अगर गोपनीय दस्तावेज चोरी हो गए हैं तो सुरक्षा के मोर्चे पर देश की क्या दशा होगी। रक्षा मंत्रालय से गोपनीय दस्तावेज कैसे चोरी हो सकते हैं। इससे साफ है कि कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए ये किया गया था। सरकार ने संसद से यह बात क्यों छिपाई। दस्तावेजों में निश्चित तौर पर कुछ जानकारी होगी।
'राफेल पर सरकरा का स्टैंड आश्चर्यजनक'
शरद पवार ने कहा कि राफेल डील पर सरकार का स्टैंड आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं जो राफेल डील में जांच कराने की बात को ठुकरा रहे हैं। जबकि बोफोर्स केस में यही लोग जांच की मांग करते थे। पीएम मोदी के 'ना खाऊंगा ना खाने दूंगा' वाले बयान पर निशाना साधते हुए एनसीपी चीफ ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में राफेल डील की कीमतो में बढ़ोतरी हुई। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि हिंदुस्तान एयरनोटिक्स लिमिटेड से ये सौदा छीनकर उद्योगपति अनिल अंबानी की नई कंपनी को दिया जिसे एयरक्राफ्ट मैन्यूफैक्चरिंग का कोई अनुभव नहीं था। अब सरकार और अनिल अंबानी इसमें कुछ भी गलत होने से इनकार कर रहे हैं।
'एयर स्ट्राइक का राजनीतिकरण कर रहे हैं मोदी'
शरद पवार ने कि पीएम मोदी भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में आंतकी संगठन जैश-ए-मोहमम्द के आतंकी कैंपों में एयर स्ट्राइक का राजनीतिकरण कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष नहीं बल्कि पीएम मोदी इस स्थिति का राजनातिकरण कर रहे हैं। भारत, पाकिस्तान समेत पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण और दोस्ताना संबंध चाहता है लेकिन, पाकिस्तान की नीयत ऐसी नहीं है। यहां तक कि शहीद जवानों के परिवार वाले भी कह रहे हैं कि शहीदों की कुर्बानी पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। पवार ने दावा किया कि हाल में इस मुद्दे पर हुई सर्वदलीय पार्टियों की मीटिंग में भाजपा का कोई प्रतिनिधि नहीं था।
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