शाहीन बाग में 'स्वास्तिक' का अपमान करने का आरोप, VHP के बाद बीजेपी ने पूछा- क्या यही देखना चाहते हैं?
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का देश के कई राज्यों में विरोध देखने को मिला है। वहीं, दिल्ली के शाहीन बाग में करीब एक महीने से बड़ी संख्या में महिलाएं नागरिकता संशोधन एक्ट, एनआरसी के खिलाफ धरने पर बैठी हैं। महिलाओं का यह धरना प्रदर्शन लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इस बीच, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बीजेपी ने शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान एक कथित पोस्टर पर आपत्ति जताई है।
विश्व हिंदू परिषद ने जताई कड़ी आपत्ति
विश्व हिंदू परिषद ने आपत्ति जताते हुए कहा कि 'स्वास्तिक' के साथ पोस्टर सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश है। जबकि बीजेपी ने भी इसे हिंदुओं के 'पवित्र स्वास्तिक' का अपमान बताया। बीजेपी प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने भी उस पोस्टर के साथ ट्वीट कर सवाल किया, 'हम देखेंगे'..., तो ये शाहीन बाग वाले सीएए के प्रोटेस्ट के नाम में दरअसल यही देखना चाहते हैं। हिंदुओं के पवित्र चिन्हों की बर्बादी, 'पवित्र स्वास्तिक' की बर्बादी??,ये वहीं हैं जिन्होंने जेएनयू में नारे लगाए थे- भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी जंग रहेगी। जाग जाइए, कहीं बहुत देर ना हो जाए।'
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शाहीन बाग में CAA-NRC के खिलाफ धरने पर बैठी हैं महिलाएं
बता दें कि शाहीन बाग की प्रदर्शनकारी महिलाएं नागरिकता संशोधन कानून को खत्म करने की मांग कर रही हैं और कह रही हैं कि वह नागरिकता के कागजात नहीं दिखाएंगी। गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने इन प्रदर्शनकारी महिलाओं को समझा-बुझाकर धरना खत्म कराने की कोशिश की लेकिन, वे तैयार नहीं हुईं। तमाम कोशिशों के बाद भी पुलिस उनको समझाने में नाकाम रही और उनको खाली हाथ लौटना पड़ा।
शाहीन बाग का प्रदर्शन बना नया सियासी अखाड़ा
इसके पहले, सोशल मीडिया वायरल पर हो रहे एक वीडियो में दावा किया जा रहा था कि शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही महिलाएं पैसों के लिए ये सब कर रही हैं। वीडियो में कुछ लोग आपस में बात कर रहे हैं और कह रहे हैं कि धरने में औरतें शिफ्ट में काम कर रही हैं और उन्हें हर रोज 500-700 रुपए दिए जा रहे हैं। यही नहीं, इन महिलाओं को यहां पर बिरयानी खाने को मिल रही है। मीडिया में ये खबरें आने के बाद शाहीन बाग की प्रदर्शनकारी महिलाओं ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि उनके धरने को खत्म कराने के लिए ये अफवाहें फैलाईं जा रही हैं।