खत्म हो सकता है शाहीन बाग का प्रदर्शन, अमित शाह से कल मुलाकात करेंगी प्रदर्शनकारी महिलाएं
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में मुस्लिम महिलाएं 15 दिसंबर से धरने पर बैठी हैं। इन महिलाओं की मांग है कि मोदी सरकार नागरिकता संशोधन कानून को वापस ले और आश्वासन दे कि एनआरसी कभी नहीं आएगा। प्रदर्शनकारी महिलाएं पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से शाहीन बाग आने की और उनसे बात करने की अपील कर चुकी हैं। शाहीन बाग की प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि उनका कोई प्रतिनिधिमंडल नहीं है और जिसे भी सीएए से दिक्कत है, वह रविवार को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने जाएगा।
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शाह ने कहा था, बातचीत के लिए तैयार है सरकार
हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने कहा था कि सरकार नागरिकता संशोधन कानून पर किसी से भी चर्चा के लिए तैयार है। शाह ने कहा था, 'मैं किसी को तीन दिन के भीतर समय दूंगा जो मेरे साथ नागरिकता संशोधन अधिनियम से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है। हकीकत यह है कि लोग मिलना नहीं चाहते हैं। सिर्फ सियासत हो रही है और बिना किसी आधार के प्रदर्शन किए जा रहे हैं।'
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रविवार को मुलाकात करेगा प्रतिनिधिमंडल
अमित शाह के इसी बयान के बाद शाहीन बाग की प्रदर्शनकारी महिलाओं की तरह से बातचीत का प्रस्ताव स्वीकार किया गया है। प्रदर्शनकारी महिलाएं रविवार को दोपहर दो बजे अमित शाह से मुलाकात करने जाएंगीं। इसके पहले, ऐसी खबरें थीं कि प्रदर्शनकारियों का एक गुट इस मुलाकात के पक्ष में है जबकि दूसरा पक्ष इसके लिए तैयार नहीं है। शुक्रवार (वैलेंटाइन डे) को शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी दिल शेप वाले कटआउट लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
CAA वापस लेने की मांग कर रही हैं प्रदर्शनकारी महिलाएं
इनपर लिखा था, 'पीएम मोदी कृपया शाहीन बाग आएं।' इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने पीएम नरेंद्र मोदी को वहां आने और उनके साथ वेलेंटाइन डे मनाने का न्योता भी भेजा था। कार्ड में प्रदर्शनकारियों ने लिखा था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या फिर गृहमंत्री अमित शाह हमसे बात करें। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को वापस लिए जाने की मांग को लेकर पिछले साल 15 दिसंबर से यहां जारी विरोध प्रदर्शन सियासत का केंद्र भी बना हुआ है। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल इसको लेकर बीजेपी पर निशाना साधते रहे हैं जबकि भाजपा का कहना है कि विपक्ष शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के साथ खड़ा है।