शाहीन बाग प्रोटेस्ट: मध्यस्थों ने सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट जमा की, बुधवार को होगी सुनवाई
शाहीन बाग प्रोटेस्ट: मध्यस्थों ने सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट जमा की, बुधवार को होगी सुनवाई
नई दिल्ली। दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के प्रदर्शन कर रहे लोगों से बातचीत के बाद मध्यस्थों ने अपनी सीलबंद रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा कर दी है। सीलबंद लिफाफे में तीनों मध्यस्थों ने रिपोर्ट दी है। सोमवार को इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले में 26 फरवरी को तारीख दी है। अब बुधवार को मामले की अगली सुनवाई होगी।
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15 दिसंबर से शाहीन बाग में धरना चल रहा है। इससे दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाली सड़क बंद है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी गई है। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और वजाहत हबीबुल्लाह को मध्यस्थ नियुक्त किया है। तीनों मध्यस्थों से शाहीन बाग जाकर प्रदर्शनकारियों से बात करने और ऐसा कोई रास्ता निकालने को कहा था जिससे प्रदर्शन की वजह से बंद रास्ता खुल जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीते हफ्ते लगातार चार दिन तक मध्यस्थ धरनास्थल पर गए और बातचीत की। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दी।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त वार्ताकार वजाहत हबीबुल्ला ने सड़क बंद होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दायर किया है, उसमें रास्ता बंद होने में पुलिस को भी जिम्मेदार कहा है। हबीबुल्लाह ने अपने हलफनामे में कोर्ट को बताया है कि शाहीन बाग में शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहा है। यहां राहगीरों को असुविधा हो रही है, क्योंकि धरना स्थल से दूर पुलिस ने सड़क पर बेवजह बैरिकेड्स लगा रखे हैं।
इससे पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लोगों को शांतिपूर्वक और कानूनी रूप से विरोध करने का पूरा हक है। हम केवल शाहीन बाग में रास्ता बंद होने को लेकर उनसे बातचीत चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट में की दो सदस्यीय बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है।
शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में चल रहे प्रदर्शन का सोमवार को 72वां दिन है। 15 दिसंबर को महिलाओं ने यहां धरना शुरू किया था जो तब से धरना अनवरत जारी है।