CAA और NRC पर दादी ने बताया अपना अगला स्टैंड, लोग पाकिस्तान जाने की देते थे सलाह
नई दिल्ली। Shaheen Bagh Dadi Bilkis Bano पिछले साल यही वो वक्त था जब दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship amendment act) के खिलाफ 15 स्थानीय महिलाओं ने अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। 14 दिसंबर से शाहीन बाग की स्थानीय महिलाएं धरना-प्रदर्शन पर बैठ गई थीं। इसके बाद तो हजारों प्रदर्शनकारियों ने इस धरना-प्रदर्शन को जॉइन किया था और बाद में इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था। आखिर में 24 मार्च 2020 को देशभर में लॉकडाउन लगने की वजह से पुलिस प्रशासन ने सभी को सड़क से हटा दिया था और प्रदर्शन खत्म हो गया था।
CAA और NRC पर क्या है दादी का अगला स्टैंड?
शाहीन बाग में CAA और NRC का विरोध करने वालों में 82 साल की दादी बिलकिस बानो (Bilkis Bano) भी शामिल थीं। उस वक्त वो दिन और रात धरने पर बैठी रहती थीं। बिलकिस बानो को आज पूरा हिंदुस्तान जानता है, क्योंकि बिलकिस बानो को टाइम मैगजीन ने 2020 के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में शामिल किया था। शाहीन बाग के प्रदर्शन को 1 साल हो गया है। इस मौके पर दादी का कहना है कि उनकी लड़ाई आज भी जारी है। दादी का कहना है कि यूपी, बंगाल और बिहार जैसे राज्यों में हर साल बाढ़ आ जाती है, जिसमें हजारों-लाखों लोगों का सामान तक बह जाता है, ऐसे में वो लोग कहां से अपने दस्तावेज दिखाएंगे। दादी का कहना है कि अब हमारा आगे का यही प्लान है कि हम सरकार से बात करेंगे और कहेंगे कि CAA और NRC कानून को वापस ले लिया जाए, ताकि हम भी खुश रहें और तुम भी खुश रहो।
'लोग पाकिस्तान जाने को कहते थे'
दादी बिलकिस बानो ने बताया कि साल भर पहले जब वो प्रदर्शन में बैठी थीं तो लोग उन्हें पाकिस्तान चले जाने को बोलते थे, लेकिन हमारा यही कहना था कि हम कोई पाकिस्तान के थोड़ी हैं हम तो इंडिया के हैं, हमारे बाप-दादा यहीं पैदा हुए और यहीं खत्म हो गए, हम यहीं रहेंगे, जिन्हें जाना था पाकिस्तान वो बंटवारे से पहले चले गए थे।