आपातकाल की बरसी पर अमित शाह का तंज- इमरजेंसी वाली मानसिकता में क्यों रहती है कांग्रेस
नई दिल्ली- गृहमंत्री अमित शाह ने आपातकाल की बरसी पर कांग्रेस पर जोरदार हमला किया है। उन्होंने ट्विटर के जरिए विपक्षी कांग्रेस पर यह कहकर तंज कसा है कि वह 45 साल बाद भी इमरजेंसी वाली मानसिकता से बाहर क्यों नहीं निकल पाई है। इसके लिए शाह ने बुधवार को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में उठी बातें और पार्टी के एक राष्ट्रीय प्रवक्ता को हटाए जाने का हवाला दिया है।
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बता दें कि कांग्रेस ने हाल ही में पार्टी और नेतृत्व पर सवाल उठाने के बाद अपने एक राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय झा को उनके पद से हटा दिया है। अमित शाह ने अखबार में छपी एक खबर का हवाला देकर ट्वीट किया कि, 'हाल में हुई सीडब्ल्यूसी बैठक में वरिष्ठ सदस्यों और युवा सदस्यों ने कुछ मुद्दे उठाए थे। लेकिन, उन्हें चुप करा दिया गया। पार्टी के एक प्रवक्ता को अजीब तरीके से बर्खास्त कर दिया गया। दुख की बात ये है कि कांग्रेस में नेताओं का दम घुट रहा है।'
अमित शाह यहीं नहीं रुके और उन्होंने कांग्रेस पर एक और हमला किया- 'भारत की एक विपक्षी पार्टी के तौर पर कांग्रेस को खुद से एक सवाल पूछने की आवश्यकता है: 'इमरजेंसी वाली मानसिकता में क्यों रहती है? जो नेता 1 वंश से नहीं जुड़े हैं, वह क्यों नहीं बोल पाते? कांग्रेस में नेता निराश क्यों हो रहे हैं ? नहीं तो, लोगों से उसकी दूरी बढ़ती जाएगी। '
बता दें कि कांग्रेस ने हाल ही में अखबारों में पार्टी की नीतियों को लेकर आलोचनात्मक लेख लिखने के चलते अपने प्रवक्ता संजय झा को हटा दिया था। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 1975 में आपातकाल थोपने और दो साल तक उसके जारी रहने का भी जिक्र किया। उन्होंने लिखा, '45 वर्ष पहले आज के ही दिन सत्ता की लालच में एक परिवार ने आपातकाल लागू कर दिया। रातों-रात पूरे राष्ट्र को जेल में बदल दिया गया। प्रेस, अदालतें, बोलने की आजादी सब छीन ली गई...गरीबों और दबे-कुचलों पर अत्याचार किए गए।' उन्होंने आगे लिखा, 'लाखों लोगों की कोशिशों से आपातकाल को हटाया जा सका। भारत में तो लोकतंत्र बहाल हो गया, लेकिन कांग्रेस में यह गायब ही रहा। पार्टी के हित और राष्ट्र के हित के ऊपर एक परिवार के हित को महत्त्व मिला। यह दुखत स्थिति आज की कांग्रेस में भी मौजूद है। '