यौन उत्पीड़न पर बोले जस्टिस गांगुली, लड़की खुद मेरे पास आई थी
एके गांगुली ने आरोपों पर हैरानी जताते हुए कहा कि मैं जांच समिति के सामने पेश हुआ और सारे आरोपों से इनकार करता हूं। ऐसा लगता है कि 'इंटर्न ने उनके साथ काम किया, लेकिन आधिकारिक रूप से वह उनके साथ काम करने नहीं आई थी। वह एक दूसरी इंटर्न के स्थान पर आई थी जो शादी के बाद विदेश चली गई थी। जस्टिस गांगुली ने कहा कि मैंने कोई पोस्टर नहीं लगाया था। वह खुद ही आई थी। यह लड़की काम के सिलसिले में कई बार मेरे घर भी आई थी।
वहीं होटल के कमरे में इंटर्न को बुलाने संबंधी आरोप के बारे में उन्होंने कहा कि उस समय काम के सिलसिले में वो दिल्ली में थे और वो लड़की भी दिल्ली में था। उन्होंने कहा कि वह खुद मेरे पास आई थी। उन्होंने आगे कहा कि अगर वह मेरे साथ काम करने में असहज महसूस कर रही थी तो वह जाने के लिए आजाद थी। जस्टिस गांगुली ने कहा कि इंटर्न उनके बच्चे की तरह थी और उन्होंने उसके प्रति वैसा ही व्यवहार किया। यह पूछे जाने पर कि क्या तीन जजों की समिति उनके खिलाफ कड़ी टिप्पणी करेगी, उन्होंने कहा, 'मैं नहीं जानता किस प्रकार की कटु टिप्पणी होगी।
जनता में मेरा भरोसा है और जनता मेरे आचरण और न्यायिक कार्य से मेरा आकलन करेगी। जज गांगुली ने कहा कि अगर यह सिलसिला जारी रहा तो जजों के लिए काम करना दुश्वार हो जाएगा। यह पूछने पर कि अगर उनसे अपनी बात साबित करने के लिए कहा जाए, उन्होंने कहा कि मैं निगेटिव कैसे साबित कर सकता हूं। उल्लेखनीय है कि गांगुली का नाम हाई प्रोफाइल जजों में शुमार किया जाता रहा है। 2जी घोटाले की जांच भी उनकी निगरानी में हो चुकी है। इस समय पश्चिम बंगाल राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष हैं। वह 3 फरवरी 2012 को सुप्रीम कोर्ट के जज पद से रिटायर हुए थे।