लिंग जांच वाले विज्ञापनों को इंटरनेट पर ब्लॉक किया जाए: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी को प्रसव पूर्व लिंग जांच के ऑनलाइन विज्ञापनों को ब्लॉक करने के निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने बुधवार को कहा कि नोडल एजेंसी छह हफ्ते में गूगल, याहू और माइक्रोसॉफ्ट जैसी इंटरनेट कंपनियों सहित सभी पक्षों से बात करें, ताकि ऑनलाइन सर्च इंजन से प्रसव पूर्व लिंग जांच से जुड़े आपत्तिजनक कॉन्टेंट को हटाया जा सकें।
सुनवाई के दौरान माइक्रोसॉफ्ट ने कहा था कि उन्हें अभी तक इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। जबकि गूगल ने कहा था कि जब भी उन्हें इस तरह की शिकायतें मिलती हैं, उन्हें हटा दिया जाता है। आपको बता दें कि साल 2008 में डॉ. साबू जॉर्ज ने इस संबंध में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि गूगल और याहू जैसे सर्च इंजन प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण सं संबंधित सामग्री प्रकाशित कर पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन कर रही हैं।
केंद्र सरकार ने ऑनलाइन सर्च इंजन से समय पूर्व लिंग जांच के विज्ञापनों और अन्य कॉन्टेंट को हटाने के लिए इसी साल सितंबर में एक नोडल एजेंसी का गठन किया था। इससे पूर्व 19 सितंबर 2006 को भी सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में गूगल, याहू और माइक्रोसॉफ्ट को अपनी साइट्स से ऐसी कंटेट हटाने का आदेश दिया था, जिससे पीसीपीएनडीटी अधिनियम 1994 के प्रावधान-22 का उल्लंघन होता हो।