शिमला: चैत्र नवरात्र मेले के लिए सुरक्षा मानकों में किए गए कई बदलाव,CCTV से लेकर लंगर तक रूल्स चेंज
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर में आने-जाने वालों के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं। श्रद्धालु मैटल डिटेक्टर से होकर ही गुजरेंगे। गर्भगृह का सीधा प्रसारण अब स्क्रीनों के माध्यम से होगा।
शिमला। ज्वालामुखी में चैत्र नवरात्र मेले के लिए मंदिर प्रशासन ने इस बार चाक-चौबंद व्यवस्था की है। 28 मार्च से 05 अप्रैल तक चलने वाले चैत्र नवरात्रों के दौरान मंदिर परिसर में बेहतर इंतजाम किए जा रहे हैं। मैटल डिटेक्टर व सीसीटीवी कैमरों से सुरक्षा का मजबूत घेरा बनाया गया है। मंदिर अधिकारी अशोक पठानिया ने बताया कि मंदिर न्यास ने श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं में विस्तार किया है। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में चप्पे-चप्पे पर क्लोज सर्किट कैमरे लगाए गए हैं। इस समय परिसर में 24 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं व नवरात्रों तक 25 और सीसीटीवी स्थापित किए जाएंगे। ताकि परिसर में असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा सके। मंदिर अधिकारी के कार्यालय में इसका नियंत्रण स्थापित किया गया है।
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उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर में आने-जाने वालों के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं। श्रद्धालु मैटल डिटेक्टर से होकर ही गुजरेंगे। मंदिरों में स्क्रीनें भी लगाई जाएंगी जिनके माध्यम से गर्भगृह का सीधा प्रसारण होगा। उन्होंने कहा कि नगर में सुरक्षा प्रदान करने के लिए 150 सुरक्षा कर्मचारी तैनात किए गए हैं। उनके साथ 70 स्वयं सेवक मंदिर न्यास की ओर से तैनात किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग को नवरात्र के दौरान भिक्षावृति पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं। मंदिर परिसर के आसपास भिक्षावृति रोकने के लिए सुरक्षा गार्डों की तैनाती की जाएगी। मंदिर मार्ग पर ढोल-नगाड़ों और लाउडस्पीकर बजाने पर प्रतिबंध रहेगा।
वहीं सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर में नारियल चढ़ाने पर भी रोक रहेगी। मंदिर के बाहर ही ये नारियल जमा हो जाएंगे व वापसी पर श्रद्धालु उन्हें ले सकेगा। उन्होंने कहा कि नगर में सफाई की व्यवस्था के लिए बीस अतिरिक्त सफाईकर्मी तैनात किए गए हैं। वहीं परिसर की सफाई व्यवस्था के लिए भी मेलों के दौरान अस्थाई कर्मी तैनात हैं।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लंगर दिन रात चलेगा। वहीं सप्तमी, अष्टमी व नवमी के दिन मंदिर रात को भी खुला रखा जाएगा। नवरात्रों के दौरान मंदिर परिसर में ही यात्रियों की सुविधा के लिए अस्थाई स्वास्थ्य शिविर की स्थापना भी की जाएगी जो श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों का मंदिर परिसर में ही समाधान करेगा। वहीं ये भी निर्णय लिया गया कि नवरात्रों में लंगर लगाने वालों से 5 हजार रुपए धरोहर राशि के रूप में लिए जाएंगे। लंगर के सुचारू प्रबंध का प्रमाण पत्र लेने के बाद ही सिक्योरिटी राशि वापिस की जाएगी।
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