चीन के 7 एयरबेस पर गतिविधियां बढ़ीं, भारत ने सामने तैनात किया सुखोई और मिग-29 का बेड़ा
नई दिल्ली: लद्दाख में जारी सीमा विवाद को तीन महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है। इस बीच अभी भी एलएसी पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। भारत की तमाम चेतावनियों के बाद भी चीन सुधरने का नाम नहीं ले रहा। अब खबर सामने आ रही है कि चीनी क्षेत्र के एयरबेसों पर इन दिनों गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है, जिस वजह से भारतीय सुरक्षा एजेंसियां उन पर नजर बनाए हुए हैं। साथ ही लद्दाख और अरुणाचल में किसी भी नापाक हरकत का जवाब देने के लिए तैयारी की जा रही है।
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7 बेस निगरानी में
न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां चीन के नियंत्रण वाले 7 एयरबेस की निगरानी कर रही हैं, जिसमें होटन, गर गुनसा, काशघर, होपिंग, डोंका डोंगोंग, लिन्झी और पंगट एयरबेस शामिल हैं। इसमें कई ठिकानों को चीन ने हाल ही में अपग्रेड किया था। साथ ही वहां पर रनवे का विस्तार और शेल्टर की संख्या बढ़ाई थी, ताकी ज्यादा से ज्यादा ऑपरेशन्स को अंजाम दिया जा सके। वहीं पूर्वोत्तर राज्यों के विपरीत लिनझी एयरबेस, जो मुख्य रूप से हेलीकॉप्टर बेस है वहां पर भी चीन ने हेलीपैड्स का एक बड़ा नेटवर्क बनाया है।
बमवर्षक भी तैनात
सूत्रों ने बताया कि चीनी एयरफोर्स (PLAAF) ने इस एयरबेस पर अपने स्वदेसी लड़ाकू विमान समेत कई बमवर्षक विमानों को तैनात किया है, जिसमें Sukhoi-30 का चीनी वर्जन और जे सीरीज फाइटर जेट्स शामिल हैं। चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए शिनजियांग और तिब्बत स्वायत्त सैन्य क्षेत्र में स्थित 7 चीनी सैन्य ठिकानों पर सैटेलाइट और सर्विलांस से जुड़े अन्य माध्यमों से नजर रखी जा रही है।
भारत के ये विमान देंगे जवाब
चीनी गतिविधियों को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने भी अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। जिसके तहत अग्रिम एयरबेसों पर सुखोई -30 एमकेआई, मिग -29 और मिराज-2000 बेड़े को तैनात किया गया है। ये बेड़े चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने में सक्षम हैं। भारतीय बेड़ा चीन से ज्यादा मजबूत है, क्योंकि चीन के ज्यादातर बेस ऊंचाई पर स्थित हैं, जिस वजह से वहां के लड़ाकू विमान ज्यादा ईंधन और विस्फोटक नहीं ले जा सकते हैं। वहीं भारत के सभी अहम बेस समतल वाले इलाके में हैं, जिस वजह से ऐसी कोई दिक्कत उन्हें नहीं होगी।
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