कब-कब राजनीति का भुर्ता बन गई बिरयानी
ऐसा नहीं है कि पहली बार किसी राजनेता या किसी अन्य व्यक्ति ने आतंकियों के संग बिरयानी को जोड़ा है। ऐसे वाकए पहले ही होते रहे हैं
नई दिल्ली। भारतीय राजनीति में कुछ लोगों को निश्चित तौर पर बिरयानी खाने में मजा आता होगा। पर कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्हें बिरयानी शब्द कहने में भी मजा आता होगा।
कब तक आतंकियों को जेल में बिरयानी खिलाते रहेंगे
सिमी के आठ कथित आतंकवादियों के एनकाउंटर के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा कि कब तक आतंकियों को जेल में बिरयानी खिलाते रहेंगे। इन आतंकियों को जल्द से जल्द सजा हो इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में ऐसे मामलों की जल्द सुनवाई होनी चाहिए। आपको बताते चलें कि मध्य प्रदेश की जेल में सालों से शाकाहारी खाना ही जेल में बंद कैदियों को उपलब्ध कराया जाता है। वहीं मध्य प्रदेश में 66,000 आंगनवाडी में दिए जाने वाले खाने के मैन्यू में बदलाव करके अंडे को इससे बाहर कर दिया गया है। फिर भी शिवराज सिंह चौहान ने आतंकियों को बिरयानी के संग जोड़ दिया है।
ऐसा नहीं है कि पहली बार किसी राजनेता या किसी अन्य व्यक्ति ने आतंकियों के संग बिरयानी को जोड़ा है। ऐसे वाकए पहले ही होते रहे हैं, जब आतंकियों को बिरयानी परोसने के आरोप पक्ष-विपक्ष पर और विपक्ष-पक्ष पर लगाता रहा है।
आतंकी अजमल कसाब को जेल में दी गई चिकन बिरयानी!
26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब को फांसी की सजा दी गई। सरकारी वकील उज्जवल निकम ने बताया था कि आतंकी अजमल कसाब को केस ट्रायल के दौरान चिकन बिरयानी दी जाती थी। क्योंकि कसाब चिकन बिरयानी खाने की मांग करता था। उज्जवल निकम के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारे में शोर मच गया कि सरकार एक आतंकी को बिरयानी खिला रही है। कसाब को वर्ष 2012 में फांसी दिए जाने के तीन साल बाद उज्जवल निकम ने वर्ष 2015 में जयपुर में एक कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि कसाब ने कभी बिरयानी नहीं मांगी और न ही उसे बिरयानी दी गई थी। उन्होंने कहा था कि बस लोगों का ध्यान हटाने के लिए यह बात कही गई थी।
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कसाब को बिरयानी और वरूण को सब्जी-रोटी
भाजपा के सांसद वरूण गांधी ने भी बाद में बिरयानी शब्द को चुनावी रैलियों में भुनाने की पूरी कोशिश की। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कई जगह पर इस बात को दोहराया और लोगों को बताया कि कसाब को बिरयानी और वरूण को सब्जी-रोटी। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में इस बात को जमकर रखा गया।
देशभक्तों को पानी भी नहीं और आतंकियों को बिरयानी
बाबा रामदेव ने यूपीए-2 के खिलाफ वर्ष 2012 में चल रहे देशव्यापी अभियान में दिल्ली के रामलीला मैदान में बिरयानी शब्द को सत्ताधारी यूपीए गठबंधन से जोड़ दिया था। रामलीला मैदान में बोलते हुए बाबा रामदेव ने कहा था कि ये सरकार आतंकियों को तो बिरयानी खिला रही है और देशभक्तों को पानी तक देने से मना कर दे रही है।
जब आडवाणी ने भी किया बिरयानी का जिक्र
अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के दौरान कार सेवकों पर की गई फायरिंग पर बोलते हुए लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा था कि नरसिम्हा रॉव सरकार श्रीनगर में आतंकियों को बिरयानी परोस रही है और जो लोग राम मंदिर बनावाना चाहते हैं, उन पर गोलियां चलवा रही है। वर्ष 1991-92 में आतंकियों ने हजरत बल शिरीन पर कब्जा कर लिया था।
वर्ष 1993 से बिरयानी परोसा जाना एक राजनीतिक कटाक्ष बन गया है जोकि एक कमजोर सरकार और अप्रभावी न्यायिक प्रक्रिया को बताता है।
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