Coronavirus से जल्द मिल सकता है छुटकारा, भारत में होने जा रहा है नाक से दिए जाने वाले वैक्सीन का फाइनल ट्रायल
नई दिल्ली। दुनिया भर में 210 से ज्यादा देश जानलेवा कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहे हैं। इसके संक्रमण को रोकने और इससे खुद को रिकवर करने के तरीके तो सामने आ चुके हैं लेकिन अभी भी इसे खत्म करने के लिए वैक्सीन की खोज जारी है। डब्लूएचओ के मुताबिक कई देश वैक्सीन ट्रायल के अंतिम चरण में हैं। वो सभी ऐसे वैक्सीन हैं जो इंजेक्ट किए जाएंगे लेकिन कुछ देशों के वैज्ञानिक नाक के जरिए दी जाने वाली वैक्सीन पर भी काम कर रहे हैं।
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इस नेजल वैक्सीन को अन्य दवाओं से ज्यादा असरदार बताया जा रहा है क्योंकि कोरोना का संक्रमण नाक, मुंह और आंख के जरिए जल्दी शरीर पर प्रवेश करता है और श्वास नली में तेजी से अपना संक्रमण फैलाता है। इस नेजल वैक्सीन को लेकर अब जो अच्छी खबर आ रही है वो ये कि इसका ट्रायल जल्द ही भारत में होने जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि रेगुलेटरी मंजूरी मिलते ही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक नाक के जरिए दी जाने वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर देंगे।
नेजल कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर भारत बायोटेक ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी और सेंट लुइस यूनिवर्सिटी के साथ एक समझौता किया है। हर्षवर्धन ने कहा, 'भारत बायोटेक ने वाशिंगटन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत कंपनी Sars-CoV-2 के लिए इंट्रानेजल वैक्सीन का ट्रायल, उत्पादन और व्यापार करेगी।' स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक अपने नेजन कोरोना वैक्सीन का ट्रायल जल्द से जल्द भारत में शुरू करेंगे जिसमें 30 से 40 हजार तक वालंटियर्स शामिल होंगे।
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आपको बता दें कि भारत में रूस की कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-वी के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी मिल चुकी है। हैदराबाद की कंपनी डॉ. रेड्डीज लैब ने पहले भी अनुमति मांगी थी, लेकिन सुरक्षित डाटा के अभाव में अनुमति नहीं दी गई थी। भारतीय दवा नियामक डीसीजीआई की इजाजत के बाद कंपनी जल्द ही ट्रायल शुरू करने वाली है।