कोरोना वायरस: दिल्ली में आज से शुरू होगा सेरोलॉजिकल सर्वे, जानिए इससे जुड़ी पूरी जानकारी
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस (कोविड-19) के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। यहां हर दिन बढ़ती कंटेनमेंट जोन की संख्या ने सरकार की चिंता भी बढ़ा दी है। अब कोरोना वायरस राजधानी में कितना फैल चुका है, ये जानने के लिए आज से (शनिवार) सेरोलॉजिकल सर्वे शुरू हो रहा है। सेरोलॉजिकल टेस्ट या सीरो-सर्विलांस स्टडी केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए कोविड-19 रिसपॉन्स प्लान का हिस्सा है। दिल्ली अब कोरोना वायरस से देश का सबसे प्रभावित शहर बन गया है।
इस मामले में दिल्ली ने आर्थिक राजधानी मुंबई को भी पछाड़ दिया है। दिल्ली में अब कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 73,780 हो गए हैं और यहां संक्रमण से अब तक 2,429 लोगों की मौत हो गई है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर सेरोलॉजिकल सर्वे क्या है। इस सर्वे में लोगों के ब्लड सैंपल लिए जाएंगे और इस बात का पता लगाया जाएगा कि कितने लोग ऐसे हैं, जिनके शरीर में कोरोना की एंटीबॉडी बनी है। यह संक्रमण और ऑटोइम्यून बीमारियों के निदान के लिए किया जाता है। इसके अलावा इससे ये भी पता चलता है कि क्या किसी व्यक्ति में कुछ बीमारियों से लड़ने के लिए इम्युनिटी है।
इस सर्वे से इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि कहीं कोई कोरोना वायरस से संक्रमित तो नहीं है, चाहे फिर उस शख्स का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव ना आया हो और ना ही उसमें इसके कोई लक्षण दिखे हों। इस सर्वे को आईसीएमआर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन ट्यूबरक्लोसिस कर रहे हैं। इसके साथ ही राज्यों के स्वास्थ्य विभाग भी इसमें अपना सहयोग दे रहे हैं।
दिल्ली में ये सेरोलॉजिकल सर्वे 27 जून से 10 जुलाई के बीच होगा। जिससे प्रशासन को महामारी का विश्लेषण करने में आसानी होगी और फिर इस महामारी से पूरी तरह निपटने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। इससे पहले शुक्रवार को गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा, 'गृहमंत्री अमित शाह के निर्देशानुसार दिल्ली में सेरोलॉजिकल सर्वे को लेकर बातचीत हो गई है। जिसे एनसीडीसी और दिल्ली सरकार द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जाएगा। सर्वे 27 जून से शुरू होगा। कल सभी सर्वे टीम का प्रशिक्षण खत्म हो गया है।'
ये सर्वे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और दिल्ली सरकार संयुक्त रूप से करेंगे। सीरो-सर्विलांस स्टडी दिल्ली के सभी 11 जिलों में होगी। जिसमें कम से कम 20 हजार घरों में जाकर जांच होगी। इससे पहले आईसीएमआर ने मई में 21 राज्यों के 83 जिलों में एक पायलट सीरो सर्वेक्षण किया था। जिसमें पता चला था कि 30 अप्रैल तक देश की 0.73% आबादी ही कोरोना वायरस से संक्रमित हुई थी।
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