सीरो सर्वे: 57 लाख से अधिक दिल्लीवालों का किया गया डोर-टू-डोर कोरोना टेस्ट, नजीते राहत भरे
नई दिल्ली। दिल्ली वाले इस समय दोहरे संकट का सामना कर रहे हैं। एक तरफ राजधानी में बढ़ता प्रदूषण लोगों को दम घोंट रहा है वहीं, दूसरी कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा। दिल्ली में कोविड-19 संक्रमण पर काबू पाने के लिए केजरीवाल सरकार ने केंद्र के साथ मिलकर कई बड़े कदम उठाए हैं लेकिन कोरोना मामलों में कोई कमी नहीं नजर आ रही है। इस बीच दिल्ली में कोरोना के खिलाफ पांच दिन तक घर-घर जाकर सर्वे किया गया जिसकी रिपोर्ट आ गई है। दिल्ली सरकार ने ताजा सीरो सर्वे के आंकड़े देखकर कहा है कि राजधानी में पॉजिटिविटी कम हो रही है।
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20 से 24 नवंबर तक किए गए इस सीरो सर्वे की रिपोर्ट में दिल्ली के 4,456 कंटेनमेंट जोन और कोरोना वायरस हॉटस्पॉट में करीब 57.3 लाख लोगों की जांच कई गई। इनमें से सिर्फ 13,516 लोग सिम्प्टोमेटिक (कोरोना के लक्षण वाले) मिले। वहीं इन इलाकों में कोरोना की 6.42 प्रतिशत की सकारात्मकता दर रही। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के 11 जिलों में 9,000 टीमों ने 8,413 कॉन्टैक्ट्स भी ट्रेस किए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कराए गए इस सर्वे से संबंधित अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल डोर-टू-डोर सर्वे पूरा हो गया है लेकिन कंटेनमेंट जोन्स अभी भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी।
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घर-घर जाकर किए गए इस सर्वे को 8,000 से अधिक तीन सदस्यीय टीमों द्वारा अंजाम दिया गया जिसमें आशा कार्यकर्ता, स्कूल शिक्षक और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक शामिल थे। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम किसी आंकड़े पर अभी नहीं पहुंच सकते, हमारे सीरो-सर्वे में भी कोरोना के अलग-अलग आंकड़े मिले हैं। रिकॉर्ड के अनुसार, दिल्ली की आबादी का एक चौथाई 57.3 लाख लोगों पर ये सर्वे किया गया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कंटेनमेंट जोन और हॉटस्पॉट वाले इलाकों में 24 नवंबर तक 13.5 लाख घरों में कवर किया। इस सर्वे का उद्देश्य कोरोना वायरस पॉजिटिव संदिग्धों और संपर्कों की पहचान करना और उन्हें अलग करना था।