जम्मू-कश्मीर: अलगाववादी नेता यासीन मलिक गिरफ्तार
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नई दिल्ली। पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद से सरकार एक्शन में है। अलगाववादियों पर व्यापक कार्रवाई के संकेतों के बीच जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, लेकिन किसी और नेता के हिरासत में लिए जाने की कोई पुष्टि नहीं हुई है। कुछ दिनों पहले ही अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया गया था।
यासीन मलिक को मायसूमा स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया है जहां से पुलिस उन्हें लेकर कोठीबाग थाने ले गई है। बता दें कि अनुच्छेद 35-ए पर 26 फरवरी को सुनवाई होनी है, ऐसे में माना जा रहा है कि एहतियातन यासीन मलिक को गिरफ्तार किया गया है। जम्मू-कश्मीर में अर्द्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को भेजा गया है जिसमें सीआरपीएफ की 35 कंपनियां, बीएसएफ की 35 कंपनियां, एसएसबी की 10 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां शामिल हैं।
पुलवामा हमले के बाद सरकार ने अलगाववादी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया था। यासीन मलिक और सैयद अली शाह गिलानी जैसे नेताओं की सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया गया था। इनके अलावा अगा सैयद मौसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, सलीम गिलानी, शाहिद इस्लाम, जफर अकबर भट्ट, नईम अहमद खान, फारुख अहमद किचलू, मसरूर अब्बास अंसारी, आगा सैयद अब्दुल हुसैन, अब्दुल गनी शाह, मोहम्मद मुसादिक भट और मुख्तार अहमद वजा की सुरक्षा भी वापस ले ली गई है।
पुलवामा हमले के बाद अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस लेने की मांगें उठ रही थीं, दूसरी तरफ 35ए और धारा 370 को लेकर भी बहस तेज हो चली है। गौरतलब है कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे जबकि कई जवान इस फियादीन हमले में बुरी तरह जख्मी हो गई थे।