अमृतसर ब्लास्ट में इस्तेमाल किए गए ग्रेनेड में पाकिस्तानी दस्तखत मिले, पंजाब के सीएम का खुलासा
नई दिल्ली। पंजाब के अमृतसर स्थित अदिलवाल गांव के करीब निरंकारी समागम में जिस तरह से ब्लास्ट हुआ, उसके बाद इस हमले के बारे में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। अमरिंदर सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि जो ग्रेनेड इस हमले में इस्तेमाल किया गया है वह पाकिस्तान की हथियार की फैक्ट्री में बनने वाले ग्रेनेड से मिलता-जुलता है, इसपर पाकिस्तानी दस्तखत मिले हैं। आपको बता दें कि रविवार को निरंकारी समागम स्थल पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमे तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे।
पाकिस्तान का हो सकता है हाथ
पंजाब पुलिस ने जो ग्रेनेड बरामद किए हैं वह एचजी-84 ग्रेनेड हैं जोकि पिछले महीने बरामद किए गए ग्रेनेड से मिलता जुलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे इस बात की ओर से इशारा मिलता है कि इस हमले में सीमा पार के लोगों के शामिल होने की संभावना है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि यह अलगाववादी आतंकियों का काम है, जोकि आईएसआई समर्थित खालिस्तानी आतंकी हैं, या फिर कश्मीर के आतंकी गुट का इस हमले के पीछे हाथ हो सकता है।
1978 से ना जोड़े
हालांकि अमरिंदर सिंह ने लोगों से कहा है कि वह इस हमले को निरंकारी-सिख के बीच बैशाखी के दिन 1978 को हुए हमले से ना जोड़े, जिसमे 13 सिखों की मौत हो गई थी। जिसके बाद पंजाब में आतंकवाद को बढ़ावा मिला था। उन्होंने कहा कि 1978 में निरंकारी तनाव धार्मिक वजह से हुआ था, जबकि इस बार हुआ हमला साफ दिखाता है कि इसके पीछे आतंकवाद है, लिहाजा इसे 1978 के हमले से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। यह हमला लोगों के बीच भय पैदा करने के लिए किया गया है, इसके पीछे धर्म का कोई लेना देना नहीं है।
पंजाब में तनाव बढ़ाना चाहते हैं आतंकी
एजेंसियों की मानें तो खालिस्तानी और कश्मीरी आतंकी पंजाब में तनाव बढ़ाना चाहते हैं। पंजाब की सीमा 553 किलोमीटर तक पाकिस्तान की सीमा से जुड़ा है। पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस के सूत्रों के मुताबिक जिस तरह से कश्मीर में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने आतंकियों को हैंड ग्रेनेड हमले के लिए तैयार किया और कई इस तरह के हमले हुए, उसी तरह अमृतसर में भी हमला किया गया। आईएसआई पंजाब में खालिस्तानियों की मदद कर आतंक फैलाना चाहता है।
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