बुजुर्ग ने कोर्ट में कहा- बहू-बेटे सेवा नहीं करते, बच्चों ने दिया ऐसा सबूत कि केस खारिज हो गई
जलंधर। सीनियर सिटीजन्स के लिए लगी स्पेशल कोर्ट में पंजाब के पधियाना गांव के अवतार सिंह पहुंचे थे। उन्होंने वहां जज से गुहार लगाई कि मेरी बहू और बेटे मेरी बिल्कुल सेवा नहीं करते। खाना भी नहीं देते। जज साहब इन्हें मेरे घर से निकाल दीजिए। लेकिन जवाब में बेटों ने जो सबूत पेश किया उससे केस ही खारिज हो गया। अवतार सिंह के बेटे ने जज दलविंदर सिंह को बुजुर्ग पिता की सेवा करने की सात तस्वीरें दिखाईं। इनमें वो पिता की धूप में मालिश करने, हाथ-पांव दबाने और खाना खिलाने की तस्वीरें शामिल थीं। इसे देखकर डीसी ने कहा कि अच्छी-खासी सेवा हो तो रही है। इससे ज्यादा और क्या चाहिए।
उल्लेखनीय है कि वरिंदर कुमार शर्मा हर बुधवार को स्पेशल कोर्ट लगाते हैं। अवतार सिंह के बेटे दलविंदर और उनकी पत्नी ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने बापू की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कुछ लोगों की बातों में आकर यह केस दायर किया है। डीसी वरिंदर कुमार शर्मा ने केस खारिज करते हुए पिता-पुत्र को मिल-जुलकर रहने की नसीहत दी है। बुधवार को स्पेशल कोर्ट में कुल चार फैसले हुए। अनंत नगर के शिव दयाल का केस भी खारिज हो गया, क्योंकि वह बच्चों के खिलाफ आरोप साबित नहीं कर पाए। दो केसों में एसडीएम कोर्ट के फैसलों के खिलाफ अपील डीसी ने मंजूर कर ली।
200 से ज्यादा बुजुर्गों ने दायर कर रखे हैं केस
पूरे जालंधर जिले में 200 से ज्यादा बुजुर्गों ने बच्चों के खिलाफ केस दायर कर रखे हैं। ज्यादातर केस एसडीएम के पास चल रहे हैं। बुजुर्गों ने बच्चों के खिलाफ सेवा नहीं करने, खाना नहीं देने, परेशान करने जैसे आरोप लगाए हैं। ज्यादातर केसों में एसडीएम कोर्ट ने बच्चों को हर माह बुजुर्गों को खर्चा देना तय कर लिया है। अभिभावकों ने बच्चों को दी गई अपनी संपत्ति भी वापस दिलाने की मांग रखी है। जिले के सभी एसडीएम के पास करीब 150 केस चल रहे हैं। जबकि डीसी की कोर्ट में 50 केस पेंडिंग हैं।