सीनियर एडवोकेट केके वेणुगोपाल बने रहेंगे अटॉर्नी जनरल, एक साल बढ़ा कार्यकाल
नई दिल्ली। सीनियर एडवोकेट केके वेणुगोपाल शीर्ष कानून अधिकारी अटॉर्नी जनरल के रूप में एक और साल देश की सेवा करेंगे। वेणुगोपाल द्वारा कार्यकाल में विस्तार के लिए सहमति व्यक्त करने के बाद उनके कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है। 89 साल के वेणुगोपाल को सरकार द्वारा एक एक्सटेंशन की पेशकश की गई थी और उन्होंने अपनी उम्र के आधार पर केवल एक वर्ष की अवधि के लिए इस पर सहमति जताई थी। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अटॉर्नी जनरल के पद पर तीन और साल कार्य करने के लिए केके वेणुगोपाल को मनाने उनके घर गए थे। बता दें कि वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है।
बता दें कि केके वेणुगोपाल संवैधानिक कानून में एक विशेषज्ञ के रूप में व्यापक रूप से सम्मानित हैं। उन्हें 30 जून, 2017 को अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया था। अपने तीन साल के कार्यकाल में केके वेणुगोपाल ने अटॉर्नी जनरल के पद पर रहते हुए आधार, राफेल आदि जैसे महत्वपूर्ण मामलों में केंद्र का बचाव किया है। इसके अलावा जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द कराना, नागरिकता संशोधन अधिनियम की वैधता जैसे कई गंभीर संवैधानिक मुद्दों पर भी केके वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार के लिए महत्वपूर्ण सेवाएं दी हैं।
पिता
भी
थे
वकील
बता
दें
कि
केके
वेणुगोपाल
भारत
के
15वें
अटॉर्नी
जनरल
बने
थे,
वह
संविधान
के
विशेषज्ञ
हैं।
उन्हें
भारत
सरकार
की
तरफ
से
पद्म
विभूषण
और
पद्म
भूषण
से
सम्मानित
किया
जा
चुका
है।
इससे
पहले
केके
वेणुगोपाल,
मोरारजी
सरकार
में
एडिशनल
सॉलिसिटर
जनरल
रह
चुके
थे।
केके
वेणुगोपाल
का
जन्म
केरल
में
1931
को
हुआ
था,
उन्होंने
अपनी
शुरुआती
पढ़ाई
कर्नाटक
के
मेंगलोर
से
की
इसके
बाद
उन्होंने
बेलगाम
के
राजा
लखामगौडा
लॉ
कॉलेज
से
उन्होंने
कानून
की
पढ़ाई
की
थी।
केके
वेणुगोपाल
के
पिता
एमके
नाम्बियार
भी
वकील
थे,
उन्होंने
अपने
पिता
के
अंडर
में
ही
प्रैक्टिस
शुरु
की
थी।
वेणुगोपाल
के
दो
बेटे
और
एक
बेटी
हैं।
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