किसानों के समर्थन में उतरे वकील दुष्यंत दवे, कहा- 'जरूरत पड़ी तो फ्री में लड़ूंगा उनका केस'
'अगर किसान अपनी लड़ाई हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में लड़ना चाहते हैं तो मैं उन्हें बिना कोई फीस लिए अपनी सेवाएं दूंगा।'
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा और पंजाब सहित कई राज्यों के किसान दिल्ली की सीमाओं पर धरना देकर बैठे हुए हैं। किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच चार दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक मसले का कोई हल नहीं निकला है। शनिवार यानी आज एक बार किसानों और सरकार के बीच बैठक होगी। किसानों का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती तो फिर 8 दिसंबर को भारत बंद बुलाया जाएगा। इस बीर वरिष्ठ वकील और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने किसानों के आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा है कि अगर किसान अपनी लड़ाई हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में लड़ना चाहते हैं तो मैं उन्हें बिना कोई फीस लिए अपनी सेवाएं दूंगा।
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दुष्यंत दवे ने शुक्रवार को किसान संगठनों के नेताओं के साथ मुलाकात की। किसानों से मिलने के बाद दुष्यंत दवे ने कहा, 'अगर किसान अपनी मांगों को लेकर कोई केस हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में लड़ना चाहते हैं तो मैं उनकी लड़ाई बिना कोई फीस लिए फ्री में लड़ने के लिए तैयार हूं। मैं इस आंदोलन में किसानों के साथ खड़ा हूं।'
'किसानों
की
मांग
पर
गंभीरता
से
सोचे
सरकार'
वहीं,
दुष्यंत
दवे
के
इस
बयान
के
बाद
वरिष्ठ
वकील
एच
एस
फुलका
ने
भी
सरकार
से
किसानों
की
मांग
पर
गंभीरता
से
विचार
करने
की
अपील
की।
एच
एच
फुलका
ने
कहा,
'हम
दुष्यंत
देव
के
आभारी
हैं
कि
वो
किसानों
को
कानूनी
सहायता
देने
के
लिए
आगे
आए
हैं।
केंद्र
सरकार
को
भी
सोचना
चाहिए
कि
अगर
देश
के
वरिष्ठ
वकील
इस
बात
को
कह
रहे
हैं
कि
ये
कानून
किसानों
के
हित
में
नहीं
हैं
तो
फिर
सरकार
को
इन्हें
लेकर
गंभीरता
से
विचार
करना
चाहिए।'
आज
फिर
होगी
किसानों
और
सरकार
के
बीच
बैठक
आपको
बता
दें
कि
शुक्रवार
को
किसानों
और
केंद्र
सरकार
के
बीच
चौथे
दौर
की
बातचीत
हुई
थी,
जो
बेनतीजा
रही।
इस
बैठक
के
बाद
किसानों
ने
आगामी
8
दिसंबर
को
भारत
बंद
का
आह्वान
किया।
किसानों
का
एक
प्रतिनिधिमंडल
आज
फिर
से
दिल्ली
के
विज्ञान
भवन
में
केंद्रीय
कृषि
मंत्री
नरेंद्र
सिंह
तोमर
से
बातचीत
करने
के
लिए
जाएगा।
किसानों
की
मांग
है
कि
जब
तक
सरकार
कृषि
कानूनों
को
वापस
नहीं
लेगी,
वो
दिल्ली
की
सीमाओं
से
नहीं
हटेंगे।