हत्या के दो मामलों में संत रामपाल दोषी करार, जानिए उसकी क्राइम कुंडली
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नई दिल्ली। हिसार के सतलोक आश्रम वाले संत रामपाल पर सेशन कोर्ट ने आज (11 अक्टूबर) फैसला सुना दिया। हिसार कोर्ट ने रामपाल को दोनों मामले में दोषी करार दिया। कोर्ट ने इस मामले में कुल 23 लोगों को दोषी ठहराया है। चार महिलाओं और एक बच्चे की मौत से जुड़े पहले मामले में कुल 15 दोषियों की सजा का ऐलान 16 अक्टूबर को होगा। वहीं, एक अन्य महिला की मौत के दूसरे मामले में 14 दोषियों की सजा का ऐलान 17 अक्टूबर को होगा मामले की गंभीरता को देखते हुए फैसला आने से पहले हिसार और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी की गई थी। हिसार के डीसी एके मीना ने कहा कि आज कोर्ट ने दो मामलों में रामपाल के खिलाफ फैसला सुनाया। एफआईआर नंबर 429 पर 16 अक्टूबर को और एफआईआर नंबर 430 पर 17 अक्टूबर को सजा सुनाई जाएगी। 17 अक्टूबर तक इलाके में धारा 144 और सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे।
सबसे पहले जान लीजिए क्या है पूरा मामला
साल 2006 में सतलोक आश्रम के बाहर हुई फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई थी। इस मामले में हिसार कोर्ट में बाबा की पेशी थी, जहां रामपाल समर्थकों ने बवाल किया। इसके बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रामपाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। दो बार तारीख देने के बाद भी रामपाल हाईकोर्ट में पेश नहीं हुआ। बाद में कोर्ट की फटकार पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। 19 नवंबर 2014 को करीब 56 घंटे की कार्रवाई के बाद रामपाल ने रात में सरेंडर किया। इस पूरी घटना में छह लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद रामपाल पर हत्या के दो मामले दर्ज हुए थे।
सिचाई विभाग में इंजीनियर था रामपाल
रामपाल का जन्म हरियाणा के सोनीपत में गोहाना के धनाना गांव में हुआ था। पढ़ाई पूरी करने के बाद रामपाल को सरकारी नौकरी मिल गई। वह हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर के तौर पर काम करने लगा। इसी दौरान उसकी मुलाकात स्वामी रामदेवानंद महाराज से हुई और वह उनका शिष्य बन गया। रामपाल कबीर पंथ को मानने लगा। 1995 में रामपाल ने सरकारी नौकरी छोड़ दी और सत्संग करने लगा।
1999 में रामपाल ने करवाया सतलोक आश्रम का निर्माण
1999 में हिसार के पास बरवाला के करौंथा गांव में उसने सतलोक आश्रम का निर्माण किया। आश्रम बनाने के लिए उसे जमीन कमला देवी नाम की महिला ने दे दी। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन कुछ सालों बाद आसपास के गांव के लोगों ने रामपाल के प्रवचनों का विरोध करना शुरू कर दिया. विरोध करने वालों में ज्यादातर लोग आर्यसमाज के थे।
1 लाख रुपये में स्वर्ग भेजने और भगवान से फेस टू फेस मीटिंग करवाता था रामपाल
आस्था की आड़ में पाखंड का प्रवचन और पाप का प्रसाद बांटने वाले संत रामपाल अपने बाबागिरी के दिनों में कितना चमत्कारी था ये तो उसके भक्त ही जानते होंगे लेकिन जबसे पुलिस ने रामपाल और उसके जुड़े रहस्यों का पिटारा खोला था हर रोज नए खुलासे हो रहे थे। आलम तो था कि पुलिस उसके आश्रम एक ईंट हटाती थी और वहां से कोई नया रहस्य निकल जाता था। रामपाल अपने भक्तों को स्वर्ग भेजने और भगवान की झलक दिखाने का दावा करता था। दरअसल रामपाल का यह दावा बिना वजह नहीं था क्योंकि वो ऐसा करने के लिए भक्तों से मोटी रकम ऐंठता था। आपको तो याद ही होगा कि जब पुलिस रामपाल को गिरफ्तार करने के लिए उसके आश्रम गई थी तो उसके समर्थक पुलिस के सामने खिलाफत में डट गये थे। जी हां ये वहीं भक्त थे जिन्हें बाबा ने स्वर्ग के सपने दिखाए थे। ये वही भक्त थे जिन्हें बाबा ने भगवान से फेस टू फेस मीटिंग करवाने का वादा किया था।
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आश्रम से मिले थे प्रेगनेंसी टेस्ट करने वाली किट
सतपाल के सरेंडर के बाद पुलिस ने जब उसके आश्रम का सर्च ऑपरेशन किया था तो वहां से प्रेगनेंसी टेस्ट करने वाली किट बरामद हुई थी। रामपाल के बेडरूम से प्रेगनेंसी किट मिलने की पुष्टि हिसार रेंज के आईजी अनिल राव ने की थी। इसके अलावा सतलोक आश्रम में तलाशी के दौरान पुलिस को कंडोम, नशीली दवाएं, बेहोश करने वाली गैस, अश्लील साहित्य, महिला शौचालयों में खुफिया कैमरे और भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री मिली थी।