करोड़ों की सपंत्ति जब्त होने के बाद पहली बार सामने आए 'कल्कि भगवान', छापे को लेकर कही ये बात
हैदराबाद। खुद को भगवान विष्णु का 10वां अवतार बताने वाले 'कल्कि भगवान' उर्फ विजय कुमार नायडू के 40 से अधिक ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी के दौरान 500 करोड़ रुपए की अघोषित आय का खुलासा किया है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के कई ठिकानों पर की गई छापेमारी में भारी मात्रा में कैश बरामद किया गया था। इस दौरान करोड़ों रु डॉलर के रूप में भी बरामद किए थे। आयकर विभाग की इस छापेमारी के बाद पहली बार विजय कुमार नायडू का बयान आया है।
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'देश छोड़कर फरार नहीं हुआ फरार'
कल्कि भगवान ने वीडियो जारी करते हुए कहा है कि वे देश छोड़कर फरार नहीं हुए हैं बल्कि अपने आश्रम में ही हैं। उन्होंने कहा, 'ना तो आयकर विभाग और ना ही सरकार कह रही है कि मैं देश छोड़कर भाग गया हूं, मैं यहीं पर हूं।' कुछ दिनों पहले ही आयकर विभाग की टीम ने एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। ये छापेमारी कल्कि भगवान के आश्रमों के साथ-साथ उनके बेटे कृष्णा से जुड़े ठिकानों पर भी की गई थी।
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आयकर विभाग के छापे में 409 करोड़ की अघोषित आय का खुलासा
कृष्णा आध्यात्मिक विश्वविद्यालय और रियल एस्टेट फर्म आदि का संचालक बताया जा रहा है। आयकर विभाग द्वारा दूसरे आश्रमों पर मारे गए छापे में 2014-15 के बाद से 409 करोड़ की अघोषित आय का पता चला था। वहीं, 43.90 करोड़ भारतीय मुद्रा कैश के रूप में बरामद की गई थी। इसके अलावा 2.5 मिलियन यूएस डॉलर (करीब 18 करोड़), 88 किलो ज्वैलरी (26 करोड़) और 1271 कैरेट के हीरे जिनकी कीमत 5 करोड़ बताई जा रही है, ये सब आयकर विभाग ने जब्त कर लिए थे।
44 करोड़ भारतीय मुद्रा के साथ 2.5 मिलियन यूएस डॉलर जब्त
इस दौरान ये भी जानकारी सामने आई थी कि इस समूह ने अमेरिका, चीन, सिंगापुर, यूएई समेत कई देशों में निवेश किया है। ट्रस्ट का समूह दर्शन और आध्यात्मिकता में वेलनेस प्रोग्राम चलाता था। इस दौरान ट्रस्ट ने खूब कमाई की। आयकर विभाग के मुताबिक, ये समूह दी जाने वाली रसीदों में हेरफेर करता था और पैसों को रियल इस्टेट और जमीनों की सौदेबाजी में लगाता था। इसी तरह इस समूह ने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के अलावा अन्य राज्यों में जमीनें खरीदीं।
एलआईसी के क्लर्क से बना 'कल्कि भगवान'
एलआईसी के क्लर्क के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले विजय कुमार नायडू उर्फ 'कल्कि भगवान' ने नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद एक शिक्षण संस्थान की स्थापना की। लेकिन संस्थान का दिवाला निकला तो नायडू भूमिगत हो गया। किसी को नायडू के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। बताया जाता है कि इसके बाद अचानक अपने आप को विष्णु का दसवां अवतार 'कल्कि भगवान' बताते हुए नायडू साल 1989 में चित्तूर में ऊपर हुआ।