दिल्ली में आग का तांडव, 43 की मौत, तस्वीरों में देखें रूह कंपाने वाला मंजर
नई दिल्ली। देश की राजधानी में आज सुबह जिस तरह से भीषण आग की खबर सामने आई उसके बाद इस हादसे में 43 लोगों की दर्दनाक मौत की खबर सामने आई है। हादसे के बाद बड़ी संख्या में दमकलकर्मी पहुंचे और राहत व बचाव का कार्य शुरू किया। जानकारी के अनुसार आग लगने की वजह से बिल्डिंग में काफी धुंआ भर गया, जिसकी वजह से लोग सांस नहीं पा रहे थे। दिल्ली पुलिस ने बताया कि लोगों का दम घुटने की वजह से 43 लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद तमाम घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
Recommended Video
सुबह 5 बजे की घटना
जानकारी के अनुसार यह हादसा आज सुबह तकरीबन 5 बजे हुआ। घटना रानी झासी रोड स्थित अनाज मंडी की है। जहां पर बिल्डिंग में यह आग लगी। बिल्डिंग के भीतर प्लास्टिक का काम चल रहा था। जिन तीन घरों में आग लगी वह तीनों ही घर आपस में जुड़े हुए थे, जिसकी वजह से इमारत में आग काफी भीषण तरह से बढ़ गई और पूरी बिल्डिंग आग की चपेट में आ गई।
कंजस्टेड इलाका
जिस जगह यह आग लगी है वह इलाका इतना संकरा था कि यहां दमकल की गाड़ियों को पहुंचने में काफी दिक्कत हो रही थी। घटना के बाद इलाके में काफी हड़कंप मच गया था, जिसके बाद आनन-फानन में दमकल की गाड़ियां यहां पहुंची और आग पर काबू पाने की कोशिश की। आग इतनी बड़ी थी कि इसकी वजह से पूरी बिल्डिंग धू-धू करके जलने लगी और पूरी इमारत में धुंआ भर गया।
लोगों का दम घुटा
इस आग की वजह से ना सिर्फ बिल्डिंग के लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था बल्कि पूरे इलाके के लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा था। दर्जनों लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया और 50 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया। जानकारी के अनुसार इस हादसे में अधिकतर लोगों की मौत दम घुटने से हुई है। दरअसल यह इलाका इतना कंजस्टेड था कि लोगों का धुंए की वजह से दम घुटने लगा।
केजरीवाल ने किया मुआवजे का ऐलान
घटना के बाद मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहुंचे और हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना जाहिर की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख जाहिर करते हुए इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही हादसे में मृतक के परिजनों को 10-10 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया है। जबकि घायलों को 1-1 लाख रुपए का मुआवजा देने की बात कही है। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि घायलों के इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी।