फारूक अब्दुल्ला के विवादित बोल, चीन के समर्थन से जम्मू-कश्मीर में बहाल होगी धारा 370
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल ने रविवार को एक विवादित बयान दिया है। फारूक अब्दुल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है चीन के समर्थन से जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से अनुच्छेद-370 और अनुच्छेद 35 ए लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को दोबारा विशेष राज्य का दर्जा दिलाने और अनुच्छेद-370 लागू करवाने के लिए वो प्रतिबद्ध हैं। गौरतलब है कि इससे पहले पूर्व सीएम ने संसद के मानसून सत्र के दौरान जम्मू-कश्मीर में फिर से पहले जैसी स्थिति बहाल करने की मांग की थी।

इंडिया टुडे टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि चीन ने धारा 370 को निरस्त करना कभी स्वीकार नहीं किया और उन्होंने उम्मीद जताई कि इसे चीन के समर्थन से बहाल किया जाएगा। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के कारण चीन एलएसी पर जो कुछ भी कर रहा है उससे स्पष्ट है कि उसने भारत सरकार के आदेश को स्वीकार नहीं किया है। मुझे उम्मीद है कि उनके समर्थन से, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल किया जाएगा।'
2019 का फैसला अस्वीकार्य
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'मैंने कभी चीनी राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया, यह पीए मोदी थे जिन्होंने न केवल शी चिनफिंग को आमंत्रित किया, बल्कि उनके साथ झुला भी झूले। पीएम मोदी ही शी चिनफिंग को चेन्नई ले गए और उनके साथ भोजन किया। जम्मू और कश्मीर पर केंद्र के फैसले पर बोलते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जो किया था वह अस्वीकार्य था। फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि उन्हें संसद में जम्मू-कश्मीर की समस्याओं पर बोलने की भी अनुमति नहीं है।
बता दें कि अनुच्छेद 370, अनुच्छेद 35 ए जम्मू और कश्मीर को भारत के संविधान के तहत विशेष दर्जा प्रदान करता था, जिससे इस जम्मू-कश्मीर को एक अलग संविधान और अन्य कानूनी भेदों के बीच एक अलग दंड संहिता की अनुमति मिलती थी। संसद ने पिछले साल 5 अगस्त को दो प्रस्ताव पारित किए थे। संविधान के इसी अनुच्छेद के तहत दी गई शक्ति को लागू करके जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निष्क्रिय कर दिया। दूसरा प्रस्ताव जम्मू और कश्मीर राज्य के दो संघ राज्य क्षेत्रों - जम्मू और कश्मीर, और लद्दाख के विभाजन के लिए था।