नतीजों के बाद त्रिपुरा में हिंसा, कई इलाकों में धारा 144 लागू
खासतौर पर राजधानी अगरतला के पास बांग्लादेश की सीमा से लगे इलाकों से हिंसा की ज्यादा खबरें आ रही हैं।
नई दिल्ली। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद प्रदेश के कई जिलों में हिंसा की खबरें हैं। पश्चिम त्रिपुरा प्रशासन ने हिंसा को देखते हुए धारा 144 लगा दी है। वामपंथी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि चुनाव जीतने के बाद बीजेपी के समर्थक उनके कार्यालयों को ही नहीं, बल्कि उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी निशाना बना रही है। खासतौर पर राजधानी अगरतला के पास बांग्लादेश की सीमा से लगे इलाकों से हिंसा की ज्यादा खबरें आ रही हैं।
लगातार हो रही हिंसा के डर से सीपीएम के नेता और कार्यकर्ता भी डरे सहमे हुए हैं। अगरतला से सीपीएम के पूर्व विधायक झुमु सरकार जो इस बार चुनाव हार गए ने एक न्यूज़ चैनल को बताया कि उन्हें हर रोज़ हमले की धमकियां मिल रही हैं।उन्होंने बताया कि झुमु सरकार के घर से कुछ दूरी पर स्थित लंगा पाड़ा में सीपीएम समर्थक की दुकान में आग लगा दी गई। वहीं, बीजेपी नेताओं का कहना है कि सीपीएम वालों के पास कोई और मुद्दा नहीं रह गया है। वो हमें बदनाम करना चाहते हैं। सीपीएम के कार्यालयों को तोड़ा गया उसमें भी सीपीएम का ही हाथ था।
लेफ्ट नेताओं ने की निंदा
सीपीआइ नेता डी राजा ने कहा कि मैं इस हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं, यह लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है। हम एक बहुपक्ष लोकतंत्र हैं, कुछ पार्टियां जीत जाती हैं और कुछ हार जाती हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वे बर्बरता और हिंसा का सहारा ले सकते हैं, जैसे लेनिन प्रतिमा का विध्वंस होगा। कानून को कार्यवाही करने की जरूरत है। सीताराम येचुरी ने कहा कि त्रिपुरा में जो हिंसा हो रही है, इससे स्पष्ट है कि आरएसएस और भाजपा का रूझान क्या है। हिंसा के अलावा उनका राजनीतिक भविष्य कुछ नहीं है। त्रिपुरा की जनता इसका जवाब देगी।
राजनाथ सिंह ने डीजीपी से की बात
हिंसा की खबरों के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य के राज्यपाल और डीजीपी से बात की। राजनाथ सिंह ने नई सरकार के कामकाज संभालने तक राज्य में शांति सुनिश्चित करने को कहा। एक अधिकारी ने बताया कि टेलीफोन पर हुई बातचीत में राज्यपाल तथागत राय और डीजीपी एके शुक्ला ने त्रिपुरा की स्थिति और यहां विधानसभा चुनाव में बीजेपी-आईपीएफटी गठबंधन की जीत के बाद भड़की हिंसा पर नियंत्रण के लिए उठाए गये कदमों से केन्द्रीय गृह मंत्री को अवगत कराया है।
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