UNHRC में भारत का पलटवार, कहा- झूठ की रनिंग कमेंट्री कर रहा है पाकिस्तान
जिनेवा। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से बौखलाया पाकिस्तान अब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में इसे मुद्दा बनाने की भरसक कोशिशों में जुटा है। पाकिस्तान के इन आरोपों का जवाब देते हुए मानवाधिकार परिषद में भारत ने कहा कि, भारत के अपने राज्य में किए गए पुनर्गठन पर वहां को लोगों के साथ भेदभाव खत्म होगा। पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी, इसका टीवी पर सीधा प्रसारण भी हुआ है।
जिनेवा में UNHRC की बैठक में पाकिस्तान के आरोपों पर भारत का पक्ष रखते हुए सचिव (पूर्व) एमईए विजय ठाकुर सिंह ने कहा कि, जम्मू कश्मीर पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है। मेरी सरकार सामाजिक-आर्थिक समानता और न्याय को बढ़ावा देने के लिए प्रगतिशील नीतियां अपनाकर सकारात्मक कार्रवाई कर रही है। हालिया फैसलों की बदौलत विकास का सीधा फायदा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के नागरिकों को मिलेगा। इससे लैंगिंक भेदभाव खत्म होगा, जुवेनाइल के अधिकार बेहतर होंगे और शिक्षा और सूचना के अधिकार भी लागू होंगे।
विजय ठाकुर ने कहा कि, पाकिस्तान कश्मीर को लेकर झूठ फैला रहा है। मानवाधिकार पर पाकिस्तान के आरोप बेबुनियाद है। पाकिस्तान झूठ की रनिंग कमेंट्री कर रहा है। दुनिया जानती है कि झूठे आरोप ऐसे देश से आते हैं, जो खुद वैश्विक आतंकवाद का गढ़ है, जहां आतंकवादियों को पनाह मिलती है। भारत ने यूएनएचआरसी में कहा कि, भारत लंबे समय से सीमापार के आतंकवाद का पीड़ित रहा है, पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है।
वहीं कश्मीर के हालातों को लेकर विजय ठाकुर ने कहा कि, कश्मीर धीरे-धीरे हालात समान्य हो रहे हैं। भारत के आंतरिक मामले में कोई देश हस्तक्षेप नहीं कर सकता। दिक्कतों के बावजूद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जरूरी सामानों की आपूर्ति जारी रखी है। प्रतिबंधों में भी धीरे-धीरे छूट दी जा रही है।
यूएनएचआरसी में भारत ने साफ तौर पर कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना पूरी तरह आंतरिक फैसला है, जिस पर संसद ने मुहर लगाई है। कोई भी देश अपने आंतरिक मामले में दखलअंदाजी नहीं चाहेगा, भारत भी नहीं। उन्होंने कहा कि, हमारा संविधान बिना किसी भेदभाव के सभी नागरिकों के मूल अधिकारों की गारंटी देता है। हमारी स्वतंत्र न्यायपालिका, फ्री मीडिया, वाइब्रेंट सिविल सोसाइटी मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए एक बेहतर माहौल तैयार करती है।
उन्होंने कहा कि, दुनिया और खासकर भारत राज्य प्रायोजित आतंकवाद का काफी शिकार हुए हैं। इस मुद्दे पर चुप्पी से आतंकियों और उनके समर्थकों का हौसला बढ़ता है। एक ग्रुप यहां झूठे आरोपों की रनिंग कमेंट्री कर रहा है। ग्लोबल टेररिज्म के केंद्र से ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं। इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शायद अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर मान लिया कि जम्मू एवं कश्मीर एक भारतीय राज्य है। उन्होंने यहां कहा, भारत दुनिया के सामने ऐसा दिखावा कर रहा है कि जम्मू एवं कश्मीर में जीवन सामान्य हो गया है।
यूएनएचआरसी में विदेश मंत्रालय के प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए कहा, 'अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान का एक अस्थायी प्रावधान था, इसमें बदलाव करना पूरी तरह भारत का आतंरिक मामला और अधिकार है। उन्होंने कहा, 'हम पाकिस्तान के उन्मादी बयानों से हैरान नहीं हैं। पाकिस्तान का उद्देश्य इस मंच का राजनीतिकरण और ध्रुवीकरण करना है। पाकिस्तान को इस बात का अहसास हो रहा है कि हमारा फैसला सीमापार आतंकवाद के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगा।
उन्होंने कहा कि, विमर्श आर्यन ने कहा कि पाकिस्तान के कुछ नेताओं ने तो जम्मू-कश्मीर में हिंसा भड़काने के लिए जेहाद करने की भी मांग की है। पाकिस्तान ने इसके लिए ऐसी तस्वीरें दिखानी शुरू की, जिनका सत्यता से कोई लेना-देना नहीं है। उसकी यह बयानबाजी पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय ईसाई, सिक्ख, शिया, अहमदिया और हिंदुओ के खिलाफ हो रहे अत्याचार और उत्पीड़न से अंतरराष्ट्रीय जगत का ध्यान नहीं भटका सकेगी। जहां तक इस्लामिक कोऑपरेशन संगठन (ओआईसी) का संबंध है, भारत के आतंरिक मामलों में टिप्पणी करने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है।
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