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खुफिया दस्तावेजों में हुआ खुलासा क्यों नेताजी के परिवार की हुई जासूसी

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लखनऊ। नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े दस्तावेजों के सार्वजनिक होने के बाद नेताजी से जुड़े कई सवाल लोगों के दिमाग में कौंध रहे हैं। दस्तावेजों के सार्वजनिक होने के बाद यह बात सामने आयी है कि नेताजी 1945 के बाद जिंदा थे और भारत सरकार ने उनके परिवार की जासूसी भी करायी थी। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार नेताजी के परिवार से भारत सरकार को ऐसी कौन सी दिक्कत थी कि उनके परिवार की जासूसी की गयी थी।

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1824 फाइलें अकेले पश्चिम बंगाल की

नेताजी के भाई शरतचंद्र बोस के परिवार की जासूसी काफी वर्षों तक की जाती रही थी। माना जाता है कि नेताजी की नीतियों में शरतचंद्र का विशेष योगदान था। अकेले पश्चिम बंगाल से जु़ड़े 1824 फाइलें हैं जो कि नेताजी के खुफिया दस्तावेजों में शामिल हैं।

कांग्रेस के खिलाफ खड़ी हो सकती नयी विचारधारा

दस्तावेजों से जो बात निकलकर सामने आयी है वह यह है कि तत्कालीन सरकार को इस बात का शक था कि शरतचंद्र बोस कांग्रेस के खिलाफ देशभर में एक विचारधारा को खड़ी कर सकते हैं। लिहाजा उनके परिवार के खिलाफ कांग्रेस हमेशा से ही सशंकित रहती थी।

शरतचंद्र के पीछे था नेताजी का हाथ

देश में कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाये जाने के डर से ही कांग्रेस ने शरतचंद्र के परिवार की हमेशा जासूसी की। जो दस्तावेज सार्वजनिक किये गये हैं उनमें से एक फाइल में साफ होता है कि शरत की मध्यावधि चुनाव में जीत एक बड़ी जीत थी। ऐसे में उनकी बढ़ती लोकप्रियता से इस बात का खतरा बढ़ गया था कि वह कांग्रेस के खिलाफ एक माहौल बनाने में तेजी से सफल हो सकते हैं।

कांग्रेस और नेहरू के खिलाफ बनने लगा था माहौल

आगे यह बात भी सामने आयी कि आखिर क्यों शरत के खिलाफ कांग्रेस आशंकित थी। दस्तावेजों से साफ होता है कि शरत ने कांग्रेस के खिलाफ कई कार्यक्रम शुरु करने की योजना बना रहे थे। यही नहीं नेहरू विरोधी कार्यक्रमों के लिए उनके पास बड़ी संख्या में निमंत्रण आने लगे थे।

कांग्रेस इस बात को लेकर भी सशंकित थी कि शरत पीछे नेताजी सुभाष चंद्र बोस का हाथ है और वह दरवाजे के पीछे से उनकी पूरी मदद कर रहे है। लिहाजा शरत के परिवार के हर कदम पर सरकार ने नजर रखना शुरु कर दिया था।

दस्तावेजों से यह बात साफ होती है कि शरत और उनके पीछे नेताजी का हाथ होने की वजह से कांग्रेस को इस बात का हमेशा से ही भय रहता था कि देश में कांग्रेस के खिलाफ अभियान शुरु हो सकता है। लेकिन 1950 में शरतचंद्र की मौत के साथ ही एंटी कांग्रेस अभियान की भी मौत हो गयी थी।

English summary
Secret revealed why Netaji Subhash Chandra Bose family snooped. Congress was always paranoid with Netaji that he is backing ani Congress move in India from the backdoor.
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