गुजरात: सेबी के जुर्माने पर CM विजय रूपानी ने दी सफाई, कहा- पक्ष रखने का नहीं मिला मौका
नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी पर सेबी ने एक फर्जीवाड़े के मामले में 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। विजय रूपानी ने इस मामले में सफाई पेश करते हुए कहा कि उन्हें जांच के दौरान सेबी ने अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया। विजय रूपानी ने यह भी दावा किया कि सिक्योरिटीज एपिलेट ट्रिब्यूनल ने सेबी के आदेश को रद्द कर दिया है।
विजय रुपाणी ने एक लिखित बयान जारी कर कहा कि सेबी ने इस मामले में 6 सालों से चल रही जांच के दौरान एक बार भी उन्हें पक्ष रखने का मौका नहीं दिया और एकतरफा आदेश जारी कर जुर्माना लगा दिया। रूपानी ने कहा कि सेबी के इस फैसले को सिक्योरिटीज एपीलेट ट्रिब्यूनल ने रद्द कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि सारंग केमिकल्स के शेयर्स ट्रांजैक्शन में हुए फर्जीवाड़े में उनका कोई रोल नहीं है। उन्होंने बताया कि उनके एचयूएफ अकाउंट से सारंग केमिकल्स के शेयर्स में टोटल ट्रांजेक्शन महज 0.1 फीसदी का है।
बता दें कि रूपानी की कंपनी पर सारंग केमिकल्स की कंपनी के साथ शेयर ट्रांजैक्शन में हेर-फेर का आरोप है। सेबी ने गुरुवार को विजय रूपानी की कंपनी समेत कुल 22 कंपनियों पर जुर्माना लगाया। सेबी के मुताबिक जनवरी 2011 से लेकर जून 2011 के बीच विजय रूपाणी की कंपनी ने हेर-फेर किया है। विजय रूपाणी को सेबी ने 45 दिनों में जुर्माने को जमा करने के आदेश दिए थे।
सेबी के नोटिस में लिखा था कि इन कंपनियों ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक-दूसरे के शेयरों का व्यापार किया। सेबी ने 22 कंपनियों पर कुल 6.9 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। जिनमें से एक विजय रूपानी की कंपनी है। मई 2016 में सेबी ने एक नोटिस जारी कर कहा था कि ये 22 कंपनियों ने सेबी के एक्ट का उल्लघंन किया है। सेबी का कहना है कि जुर्माने की राशि उल्लंघन के अनुरूप ही है। इन 22 नामों में दो ब्रोकर हैं। जिनके जरिये कारोबार किया गया था। उन दोनों से 8-8 लाख रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। कथित हेरफेर भरे सौदे जनवरी, 2011 से जून, 2011 के बीच किए गए थे।
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