'खुले में नॉनवेज' पर सियासी संग्राम, भाजपा पर आप-कांग्रेस का हमला
साउथ दिल्ली नगर निगम (SDMC) के रेस्टोरेंट के बाहर खुले में नॉनवेज टांगने वाले प्रस्ताव पर राजनीति शुरू हो गई है। एसडीएमसी ने सेहत का हवाला देते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें रेस्टोरेंट मालिक अपने यहां बाहर नॉनवेज डिस्प्ले पर नहीं रख सकते।
नई दिल्ली। साउथ दिल्ली नगर निगम (SDMC) के रेस्टोरेंट के बाहर खुले में नॉनवेज टांगने वाले प्रस्ताव पर राजनीति शुरू हो गई है। एसडीएमसी ने सेहत का हवाला देते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें रेस्टोरेंट मालिक अपने यहां बाहर नॉनवेज डिस्प्ले पर नहीं रख सकते। प्रस्ताव में कहा गया है कि इससे सेहत खराब होने का डर रहता है और वेजीटेरियन लोग इससे असहज महसूस करते हैं।
ये अभी कानून बना भी नहीं और इसपर पहले ही राजनीति गरमा गई है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि 'भाजपा भावनाओं का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रही है। यदि यह प्रस्ताव आगे बढ़ाया जाता है, तो हिंदुओं को सबसे ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। कश्मीरी पंडितों, दलितों से लेकर पंजाबी तक, सभी हिंदू और नॉन-वेजिटेरियन हैं।' भारद्वाज ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा, 'भाजपा चाहती है कि हम इस कदम पर प्रतिक्रिया दें और विरोध करें, जिससे वो लोगों की भावनाओं से खेल सकते हैं और ध्रुवीकरण कर सकते हैं।'
उन्होंने कहा कि जब ये मुद्दा सदन में पर लाया जाता है, तब इसके बारे में चर्चा करेंगे और तदनुसार आगे बढ़ेंगे। दक्षिण निगम में कांग्रेस के नेता अभिषेक दत्त ने कहा, 'निगम अस्वस्थ वस्तुओं पर चालान रख सकता है लेकिन भाजपा वेज और नॉनवेज खाद्य पदार्थों पर राजनीति कर रही है और लोगों के निजी जीवन में घुस रही है। अगर उन्हें अस्वस्थ भोजन के साथ समस्याएं हैं, तो खुले में तैयार किए खाद्य पदार्थों के बारे में क्या?' दत्त ने आगे कहा कि निगम को पहले सफाई कर्मचारी के लिए पेंशन, शहर में स्वास्थ्य संबंधी खतरों और सफाई जैसे मुद्दों से पहले निपटना चाहिए।
नॉनवेज खाद्य पदार्थों को डिस्प्ले से हटाने का प्रस्ताव अभी एसडीएमसी कमिश्नर पी.के. गोएल की मंजूरी का इंतजार कर रहा है, जो इसे कानून बनाने से पहले यह जांच करेंगे कि यह प्रस्ताव दिल्ली नगर निगम अधिनियम के अनुसार है या नहीं। यह प्रस्ताव सबसे पहले नजफगढ़ क्षेत्र के काकोला गांव के पार्षद राज दत्त ने स्वास्थ्य समिति मीटिंग के दौरान रखा था।। दत्त के अनुसार, 'बाहर डिस्प्ले पर रखे गए सीख कबाब या बाकी सामान प्रदूषण के कारण दूषित हो सकते हैं। इसके अलावा, यहां कई शाकाहारी के लोग हैं जो इन्हें देखकर अच्छा महसूस नहीं करते।'
इसके बाद स्वास्थ्य समिति ने ये प्रस्ताव एसडीएमसी हाउस की बैठक में रखा था जहां सदन ने इसे मंजूरी दे दी है। अगर ये प्रस्ताव कानून बन जाता है तो साउथ दिल्ली में रेस्टोरेंट मालिकों के लिए मुसीबत हो जाएगी। साउथ दिल्ली में अधिकतर जगहों पर नॉनवेज परोसा जाता है और बड़ी संख्या में लोग यहां इसलिए आते हैं।