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जानिए वैज्ञानिकों के अनुसार कौन सी कोरोना वैक्‍सीन भारत के लिए सबसे बेहतर होगी

कौन सी कोरोना वैक्‍सीन भारत के लिए सबसे बेहतर होगी

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नई दिल्‍ली। दुनियाभर में कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए कई संभावित वैक्‍सीन परीक्षण के आखिरी चरण में पहुंच रहे हैं। वहीं अब ये सवाल उठ रहा है कि भारत के लिए कौन साथ टीका सबसे बेहतर होगा क्योंकि भारत में वैक्‍सीन के स्‍टोरेज को लेकर बड़ी चुनौतियां होंगी। वैज्ञानिकों ने बताया है कि भारत में वो टीके कारगर नहीं साबित होगे जिनके स्‍टोरेज के लिए कम तापमान की आवश्‍यकता होती है।

vaccine

वैज्ञानिकों ने अपने शोध के बाद दावा किया है कि भारत के हिसाब से प्रोटीन आधारित वैक्‍सीन ही सबसे बेहतर होगी। अमेरिकन कंपनी नोवावैक्‍स के द्वारा डेवलेप की गई वैक्‍सीन को भारत के लिए सबसे उपयुक्‍त होने का दावा किया जा रहा है।

भारत के लिए सबसे उपयुक्‍त हैं प्रोटीन युक्‍त वैक्‍सीन

वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत के लिए वे टीके संभवत: कारगर नहीं होंगे, जिनके स्टोरेज के लिए बेहद कम तापमान की जरूरत है और प्रोटीन आधारित टीका देश के लिए उपयुक्त हो सकता है। इसकी वजह यह है कि प्रोटीन आधारित वैक्सीन को इन टीकों के मुकाबले ज्यादा तापमान में भी रखा जा सकता है।

वैज्ञानिकों के अनुसार भारत के लिए उपयुक्‍त नहीं हैं ये वैक्‍सीन

आपको बता दें फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को 90 फीसदी, स्पूतनिक-वी को 92 फीसदी और मॉडर्ना की वैक्सीन को 94.5 फीसदी कोरोना से बचाव के लिए प्रभाव होने का दावा किया गया है लेकिन ये तीनों ही वैक्‍सीन प्रोटीन बेस नहीं हैं ऐसे में इसके भारत में प्रयोग को लेकर कुछ परेशानी हो सकती है।

मॉडर्ना वैक्‍सीन को बताया बेहतर

वैज्ञानिकों ने मॉडर्ना वैक्‍सीन को फिर भी भारत की परिस्थितियों के लिहाज से थोड़ा उपयुक्‍त माना जा रहा है क्योंकि इसके स्‍टोरेज के लिए अन्य संभावित टीकों की अपेक्षा उतने कम तापमान की जरूरत नहीं है। मॉडर्ना की वैक्सीन को 30 दिन तक फ्रिज में रखा जा सकता है और कमरे के तापमान में 12 घंटे तक रखा जा सकता है वहीं फाइजर-बायोएनटेक नामक वैक्‍सीन के लिए जीरो से 70 डिग्री सेल्सियस कम तापमान की जरूरत होती है इसलिए इस वैक्‍सीन भारत के लिए उपयुक्‍त नहीं माना जा रहा है।

क्यों नहीं उपुयक्‍त हैं ये वैक्‍सीन वैज्ञानिकों ने बताई ये वजह
वहीं वैज्ञानिको के अनुसार रूस की पहली वैक्सीन स्पूतनिक-वी के स्‍टोरेज के लिए जीरो डिग्री से नीचे टमप्रेचर की आवश्‍यकता होती है इसलिए भारत को नोवावैक्स या सनोफी के प्रोटीन आधारित संभावित वैक्‍सीन के प्रयोग पर ही गंभीरता से विचार करना होगा। बेंगलुरु स्थित इंडियन साइंस इंस्‍टीट्यूट के प्रो राघवन वरदराजन ने भी इसी से मिला जुली सलाह दी उन्‍होंने कहा नोवावैक्स की प्रोटीन आधारित वैक्सीन भारत के लिए अभी तक सबसे उपयुक्त लग रही है इसलिए हमारी सरकार को इसको ध्‍यान में रखना होगा।

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English summary
scientists say Protein-based corona vaccine candidates more suitable for India
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