वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता, पृथ्वी के नजदीक मिले 3 नए ग्रह, खुलेंगे नए रहस्य
वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। हमारी आकाशगंगा (गैलेक्सी) में 3 छोटे ग्रह मिले हैं, जो अपने ही सितारे का चक्कर काट रहे हैं। इन ग्रहों को 'बेबी प्लैनेट' कहा जा रहा है, क्योंकि वैज्ञानिकों का मानना है कि ये प्रोटोप्लैनेट हैं और एक प्लैनेट यानी ग्रह के रूप में विकसित हो रहे हैं।
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नई दिल्ली। वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। हमारी आकाशगंगा (गैलेक्सी) में 3 छोटे ग्रह मिले हैं, जो अपने ही सितारे का चक्कर काट रहे हैं। इन ग्रहों को 'बेबी प्लैनेट' कहा जा रहा है, क्योंकि वैज्ञानिकों का मानना है कि ये प्रोटोप्लैनेट हैं और एक प्लैनेट यानी ग्रह के रूप में विकसित हो रहे हैं। वैज्ञानिकों ने इन ग्रहों को अब तक का सबसे छोटा ग्रह बताया।
पहली बार मिले प्रोटोप्लैनेट्स
खगोलवैज्ञानिकों की दो स्वतंत्र टीमों ने हमारी आकाशगंगा में इन ग्रहों का पता लगया है। ये छोटे ग्रह हमारे सौर मंडल से लगभग 330 प्रकाश वर्ष की दूरी पर एक नए सितारे 'एचडी 163296' का चक्कर लगाते हुए पाए गए। क्रिस्टोफ पिंट, ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय के एक शोधकर्ता और इस पेपर के मुख्य लेखक ने बताया, 'पिछले कुछ सालों में हमारी आकाशगंगा के बाहर हजारों एक्सोप्लैनेट्स मिले हैं, लेकिम प्रोटोप्लैनट मिलना साइंस के लिए भी नया है।'
नए तरीके से ली गईं ग्रहों की तस्वीरें
ये छोटे ग्रह वैज्ञानिकों को तब मिले जब वो HD 163296 नामक सितारे के गैसे से भरे डिस्क में कुछ गड़बड़ी देखी। पिंट ने बताया कि हमारी नई तकनीक इस सिद्धांत को लागू करती है ताकि यह समझने में सहायता मिल सके कि ग्रह प्रणाली कैसे बनती है। वैज्ञानिकों ने इन ग्रहों की तस्वीरें भी ली हैं जिससे ये खोज साबित होती है।
सबसे कम उम्र के हैं ये ग्रह
इन ग्रहों की तस्वीरें टेलीस्कोप से इस प्रकार ली गईं, जैसा पहले कभी नहीं हुआ है। मिशिगन विश्वविद्यालय के एक खगोलविद और मुख्य लेखक रिचर्ड टीग ने कहा, 'एएलएमए (अटाकामा लार्ज मिलीमीटर / सबमिलीमीटर एरे) से उच्च-रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरें की मदद से ये पूरी तरह से नया दृष्टिकोण हमारी आकाशगंगा में सबसे कम उम्र के ग्रहों को उजागर कर सकता है।'
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