2 नवबंर से आंध्र प्रदेश में खुलेंगे स्कूल, 1 दिन के गैप पर चलेंगी बच्चों की कक्षाएं
हैदराबाद। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण देशभर में स्कूल मार्च से बंद हैं लेकिन सोमवार से पंजाब, यूपी और सिक्किम में स्कूल खोले गए हैं, तो वहीं अब आंध्र प्रदेश में भी 2 नवंबर से स्कूल खुलने जा रहे हैं, हालांकि सरकार ने स्कूलों के लिए कुछ कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसका कड़ाई से पालन करना बेहद जरूरी है। राज्य में ऑड-ईवन के तहत स्कूल चलेंगे, सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इसकी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश में 2 नवंबर से स्कूल खुलेंगे लेकिन स्कूल केवल आधे दिन ही चलेंगे। 'मिड डे मिल' के बाद बच्चों की छुट्टी हो जाएगी। बच्चों की कक्षाएं एक दिन के गैप पर चलेंगी। पहली, तीसरी, 5वी, 7वीं और नौवीं की कक्षाएं एक दिन और दूसरी, चौथी, छठी और आठवीं की कक्षाएं दूसरे दिन चलेंगी। इस दौरान विद्यालयों में सैनेटाइजर, हैंडवाश, थर्मल स्कैनिंग और विद्यालय में प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाएगी और परिसर की साफ-सफाई और स्वच्छ पेयजल की समुचित व्यवस्था करनी होगी।
संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 76 लाख के करीब
गौरतलब है कि भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 76 लाख के करीब हो गया है, मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार भारत में 46,791 नए मामले सामने आए हैं और 587 मौतें हुई हैं, इसके बाद देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल केस बढ़कर 75,97,064 हो गए हैं। जिसमें 7,48,538 सक्रिय मामले, 67,33,329 रिकवर मामले और 1,15,197 मौत शामिल हैं। इस सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना को लेकर मंगलवार देश को संबोधित भी किया और लोगों से अपील की है कि वो पूरी सावधानी बरतें क्योंकि लॉकडाउन खत्म हुआ है, कोरोना वायरस नहीं।
संभली हुई स्थिति को बिगड़ने ना दें: PM मोदी
उन्होंने बीते 7-8 महीनों में, प्रत्येक भारतीय के प्रयास से, भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में हैं, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है।पीएम ने कहा कि, आज देश में रिकवरी रेट अच्छी है, मृत्यु दर कम है। दुनिया के साधन-संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल हो रहा है। कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में टेस्ट की बढ़ती संख्या हमारी एक बड़ी ताकत रही है। सेवा परमो धर्म: के मंत्र पर चलते हुए हमारे doctors, nurses, health workers इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। इन सभी प्रयासों के बीच, ये समय लापरवाह होने का नहीं है। ये समय ये मान लेने का नहीं है कि कोरोना चला गया, या फिर अब कोरोना से कोई खतरा नहीं है।
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