सितंबर में खुल सकते हैं स्कूल, स्विट्जरलैंड मॉडल पर सरकार कर रही विचार
नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 20 लाख के पार पहुंच गई है। कोरोना के रोकथाम के साथ सरकार का फोकस जनजीवन को फिर से पटरी पर लाना है। अनलॉक-3 में सरकार ने ज्यादातर गतिविधियों को छूट तो दे दी थी, लेकिन स्कूल-कॉलेजों पर अभी भी ताला लटका है। अब सरकार चरणबद्ध तरीके से इन्हें खोलने पर विचार कर रही है। साथ ही स्विट्जरलैंड जैसे देशों के मॉडल पर स्टडी की जा रही है, जहां बच्चे कोरोना काल में भी सुरक्षित स्कूल जा रहे हैं।
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स्कूल-कॉलेजों के लिए SOP
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के नेतृत्व में इसकी बैठक हुई। इस दौरान स्कूल-कॉलेजों को खोलने को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक अगले अनलॉक की गाइडलाइन में स्कूल के खुलने की संभावना है, जो 1 सितंबर से लागू होगी। हालांकि सरकार इसका अंतिम फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ने का विचार कर रही है। स्कूल और कॉलेजों को खोलने संबंधित किसी भी फैसले से पहले एक एसओपी तैयार की जाएगी। जुलाई में हुए एक सर्वे के मुताबिक ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं हैं। राज्य सरकारों का भी कहना है कि स्कूल न खुलने से उन बच्चों को परेशानी हो रही है, जो गरीब हैं और जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल या लैपटॉप नहीं है।
दो शिफ्ट में चलेंगे स्कूल
सूत्रों के मुताबिक जिन राज्यों में मामले कम हैं, वहां की सरकारों ने स्कूल खोलने को लेकर उत्सुकता व्यक्त की है। अभी के प्लान के मुताबिक स्कूलों को फेस के हिसाब से खोला जाएगा। इसमें पहले 15 दिन क्लास 10 से 12 के छात्रों को स्कूल आने को कहा जाएगा। इसी तरह हर सेक्शन के बच्चों के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित कर दिया जाएगा। उदाहरण के लिए मान लीजिए क्लास 10 में A,B,C,D चार सेक्शन हैं, तो सेक्शन A और C के आधे बच्चे एक दिन आएंगे। फिर C, D सेक्शन के आधे बच्चे दूसरे दिन। बाकी बचे हुए बच्चों के लिए भी इसी तरह से दिन निर्धारित कर दिया जाएगा। इसके अलावा स्कूल भी शिफ्टों में चलेंगे। जिसमें पहली शिफ्ट सुबह 8 से 11 बजे और दूसरी शिफ्ट 12 बजे से 3 बजे तक होगी। बीच में एक घंटे का ब्रेक रहेगा। स्कूलों को सलाह दी जाएगी कि वो शिक्षकों, स्टॉफ और छात्रों की संख्या 33 प्रतिशत तक ही सीमित रखें।
छोटे बच्चों के लिए नहीं खुलेगा स्कूल?
बैठक में चर्चा के दौरान एक ये भी बात सामने आई कि सरकार प्री प्राइमरी, प्राइमरी और छोटे बच्चों को स्कूल नहीं बुलाना चाहती है, इसलिए शुरूआत में सिर्फ 10 से 12वीं तक के छात्रों को बुलाने का प्लान तैयार हुआ है। इसी के साथ 6 से 9वीं तक के बच्चों के लिए तय घंटों के लिए स्कूल खोले जाएंगे। अधिकारियों के मुताबिक उन्होंने कोरोना काल में कई देशों के मॉडल का अध्ययन किया है। स्विट्जरलैंड जैसे कई देशों में बच्चे सुरक्षित तरीके से पढ़ रहे हैं। ये मॉडल भारत में भी लागू किया जा सकता है।