बिलासपुर: यहां लड़कियां ही नहीं टीचर भी जंगल में जाते है टॉयलेट
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बिलासपुर। मोदी सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर खुले में शौच मुक्त भारत बनाने के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है। ऐसे में सरकारी कर्मचारी सरकार की उम्मीदों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। ऐसा ही मामला बिलासपुर के गौरेला तहसील के नेवसा में सामने आई है। इस गांव में बने सरकारी स्कूल के सैंकड़ों छात्र शौच के लिए जंगल में जाने को मजबूर है। इतना ही नहीं स्कूल के अध्यापको को भी शौच के लिए खुले में जाना पड़ता है।
नेवसा गांव में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के स्कूल स्टॉफ सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं टॉयलेट के जंगल जाने को मजबूर हैं। इस समस्या के लिए स्कूल प्रबंधन कई बार सरकार के लिए लिखा चुका है। लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक टॉयलेट की समस्या की कोई सुध नहीं ली है।
स्कूल का पुराना शौचालय सालों पहले जर्जर हो चुका है। जिसमें छात्र और छात्राएं जाने से डरते हैं। स्कूल प्रबंधन का आरोप है कि ग्राम पंचायत से भी शौचालय निर्माण कराए जाने की बात कही पर पंचायत ने भी शौचालय निर्माण के लिए कोई ध्यान नहीं दिया। जिसके चलते स्कूल प्रबंधन और स्कूल के सभी छात्र-छात्राएं जंगल में टॉयलेट जाने के लिए मजबूर हैं।
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