क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

8वीं फेल लड़के को फोर्ब्स ने किया '30 Under 30' लिस्ट में शामिल, उपलब्धियां हैं बड़ी-बड़ी

चंडीगढ़ के रहने वाले 8वीं फेल त्रिशनीत अरोड़ा को प्रतिष्ठित बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स ने एशिया की '30 अंडर 30' लिस्ट में शामिल किया है। 25 साल के त्रिशनीत साइबर सिक्योरिटी एक्सर्ट हैं और खुद की कंपनी टैक सिक्योरिटी के सीईओ हैं।

Google Oneindia News
Trishneet Arora

नई दिल्ली। चंडीगढ़ के रहने वाले 8वीं फेल त्रिशनीत अरोड़ा को प्रतिष्ठित बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स ने एशिया की '30 अंडर 30' लिस्ट में शामिल किया है। 25 साल के त्रिशनीत साइबर सिक्योरिटी एक्सर्ट हैं और खुद की कंपनी टैक सिक्योरिटी के सीईओ भी हैं। 25 साल की उम्र में इतना नाम कमाने वाले त्रिशनीत की सबसे खास बात ये है कि उन्होंने कभी स्कूल-कॉलेज से फॉर्मल एजुकेशन नहीं ली। अपने हुनर और काबिलियत के दम पर त्रिशनीत ये मुकाम इतनी कम उम्र में हासिल किया है।

फोर्ब्स ने किया '30 अंडर 30' में शामिल

फोर्ब्स ने किया '30 अंडर 30' में शामिल

त्रिशनीत को फोर्ब्स की '30 अंडर 30' लिस्ट में एंटरप्राइज टेक्नोलॉजी कैटेगरी में शामिल किया गया। नए आइडिया और काम से इंडस्ट्रीज में बदलाव लाने के लिए त्रिशनीत को इस लिस्ट में शामिल किया गया है। इससे पहले त्रिशनीत को साल 2017 में जीक्यू मैगजीन ने '50 सबसे प्रभावशाली युवा भारतीय' की लिस्ट में शामिल किया गया था। स्कूल ड्रॉपआउट रहे 25 साल के त्रिशनीत की आज खुद की करोड़ों की कंपनी है। कुछ वक्त पहले एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि कैसे स्कूल छोड़कर वो एथिकल हैकिंग में आए।

ऐसे हुई एथिकल हैकिंग की शुरुआत

ऐसे हुई एथिकल हैकिंग की शुरुआत

त्रिशनित ने बताया कि उन्हें हमेशा से कंप्यूटर का शौक था। हिस्ट्री और जियोग्राफी उन्हें समझ नहीं आती थी लेकिन कंप्यूटर को वो अच्छे से समझते थे। जब उनके घर पहला कंप्यूटर आया तो वो उसपर दिन रात गेम खेलने लगे। उनका ऐसा करने से मां-बाप खुश नहीं थे इसलिए कंप्यूटर पर पासवर्ड लगा दिया, लेकिन त्रिशनित ने पासवर्ड भी क्रैक कर लिया। इसके बाद उनके पिता ने उन्हें डांटा नहीं, बल्कि एक और कंप्यूटर लाकर दे दिया। अब तो त्रिशनित का सारा वक्त कंप्यूटर पर ही बीतने लगा।

फेल हुए तो मां-बाप ने उठाया ये कदम

फेल हुए तो मां-बाप ने उठाया ये कदम

दिनभर कंप्यूटर पर लगे रहने के कारण त्रिशनित 8वीं में फेल हो गए। जब माता-पिता को ये पता चला तो उन्होंने त्रिशनित को न मारा न डांटा, बल्कि बड़े ही आराम से पूछा कि वो करना क्या चाहते हैं? त्रिशनित ने फिर अपने माता-पिता को दिल का राज बताया। उन्होंने कहा कि वो कंप्यूटर्स पढ़ना चाहते हैं। उन्होंने स्कूल छोड़ने का फैसला लिया जिसमें माता-पिता ने पूरा सहयोग दिया। त्रिशनित 19 साल में ही कंप्यूटर में निपुण हो गए। वो काम भी करने लगे और उन्हें उनका पहला पे चेक 60 हजार रुपयों का मिला।

बड़ी-बड़ी कंपनियां हैं त्रिशनीत की क्लाइंट

बड़ी-बड़ी कंपनियां हैं त्रिशनीत की क्लाइंट

इसके बाद त्रिशनित ने जितना भी काम किया वो सभी पैसे अपनी कंपनी खड़ी करने में लगा दिया। उन्होंने टैक सिक्योरिटी नाम की कंपनी खड़ी की जिसके आज बड़े-बड़े कस्टमर्स हैं। त्रिशनित पंजाब प्रदेश और क्राइम ब्रांच के आईटी एडवाइजर हैं। रिलायंस से लेकर बड़ी सरकारी अधिकारियों के लिए उनकी कंपनी काम करती है। त्रिशनित हैकिंग पर 'हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा', 'दि हैकिंग एरा' कई किताबें भी लिख चुके हैं।

ये भी पढ़ें: मरने के बाद इस लड़की के लिए करोड़ों छोड़कर गई उसकी पड़ोसी, रुला देगी इंसानियत की ये कहानी

Comments
English summary
School Dropout TAC Security's CEO Trishneet Arora Makes It To Forbes 30 Under 30 Asia List.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X