विवादों में जस्टिस अरुण मिश्रा का विदाई समारोह, SC बार एसोसिएशन के अध्यक्ष का आरोप- बोलने से रोका गया
नई दिल्ली। प्रशांत भूषण के अवमानना मामले की सुनवाई करने वाले जस्टिस अरुण मिश्रा बुधवार को रिटायर हो गए। कोरोना के प्रोटोकॉल को देखते हुए जस्टिस मिश्रा के लिए वर्चुअल विदाई समारोह रखा गया था। अब यह विदाई समारोह विवादों में आ गया है। वरिष्ठ वकील और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने समारोह में उन्हें बोलने से रोके जाने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने इस बारे में नाराजगी जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को पत्र लिखा है।
पत्र में दवे ने लिखा है कि जस्टिस अरुण मिश्रा के विदाई समारोह में उन्होंने इस घटना को व्यक्तिगत और बार का अपमान बताया है। उन्होंने कहा है कि वे अपने कार्यकाल पूरा होने तक दिसम्बर तक सुप्रीम कोर्ट के किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे। दवे ने अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट में प्रशांत भूषण का पक्ष रखा था। दवे के पत्र को प्रशांत भूषण ने ट्वीट किया है।
दवे ने पत्र में लिखा है कि वर्चुअल समारोह में जानबूझकर उन्हें म्यूट पर रखा गया। न्यायाधीशों को आशंका थी मैं कुछ अप्रिय बात बोलूंगा। उन्होंने लिखा कि सर्वोच्च न्यायालय ऐसे स्तर पर आ गया हैं जहां न्यायाधीश बार से डरते हैं। ये याद रखें कि न्यायाधीश आते-जाते हैं लेकिन बार स्थिर रहती है। हम इस महान संस्थान की ताकत हैं क्योंकि हम स्थायी हैं। मैं इन घटनाओं से व्यक्तिगत रूप से दुखी हूं।'
जस्टिस अरुण मिश्रा बुधवार को रिटायर हो गए। इसके पहले जस्टिस अरुण मिश्रा ने अपने लिए होने वाले विदाई समारोह में शामिल होने से इनकार किया था। उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा था कि वे अपने लिए विदाई समारोह नहीं चाहते हैं। हालांकि जस्टिस मिश्रा समारोह में शामिल हुए थे और उन्होंने संबोधित भी किया था।इस दौरान उन्होंने प्रशांत भूषण केस का भी जिक्र किया था।