मुंबई मेट्रो: सुप्रीम कोर्ट ने ठाणे में मेट्रो परियोजना के लिये काटे जा रहे पेड़ों पर लगाई रोक
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मुंबई में मेट्रो निर्माण परियोजनाओं के लिये वृक्षों की कटाई करने से महाराष्ट्र सरकार और उसके प्राधिकारियों को दो सप्ताह के लिये रोक दिया। मेट्रो की चौथी लाइन के लिए पेड़ों की कटाई की जाने वाली है। यह प्रस्तावित रूट वडाला (मुंबई) से कासरवडावली (ठाणे) जाएगी। एलिवेटेड मेट्रो लाइन के लिए बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई की जाने वाली है। पेड़ों की कटाई रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी।
दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को । प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण को मेट्रो की चौथी लाइन परियोजना के लिये वृक्षों की कटाई के मामले में दो सप्ताह तक यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया। पीठ ने ठाणे में मुंबई मेट्रो परियोजना के लिये वृक्षों की कटाई के बारे में कार्यकर्ता रोहित जोशी के वकील को अपनी याचिका में संशोधन करने का निर्देश दिया और कहा, 'आज से दो सप्ताह के लिये वृक्षों की कटाई करने पर संबंधित प्राधिकारियों पर रोक रहेगी।'
मुंबई हाई कोर्ट ने पर्यावरणविदों की ओर से दर्ज पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ पर्यावरणविद् रोहित जोशी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उपनगर गोरेगांव में स्थित आरे कॉलोनी ग्रीन बेल्ट है, जिसमें पांच लाख से ज्यादा पेड़ हैं। मुंबई के 'ग्रीन लंग्स' के नाम से प्रसिद्ध आरे वन के पास ही संजय गांधी नेशनल पार्क स्थित है।
उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के बाद आरे में मेट्रो शेड को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। महाविकास अघाड़ी की सहयोगी पार्टी एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने रविवार (1 दिसंबर 2019) को बताया था कि उद्धव सरकार ने मेट्रो शेड के लिए आरे के बजाय एक अन्य स्थान का सुझाव दिया है। उनके मुताबिक, राज्य सरकार ने गोरेगांव स्थित RPF के परेड ग्राउंड में मेट्रो शेड बनाने का सुझाव विधानसभा के समक्ष रखा है।
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