Judge Loya Case: सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा, हरीश साल्वे ने पूछा क्या सभी चार जज हत्या के षड़यंत्र में शामिल?
नई दिल्ली। जस्टिस लोया की मृत्यु मामले की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को कोर्ट ने अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने इस मामले में तमाम पक्षों को सुनने के बाद इस मामले में अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार सहित तमाम पक्षों को सुना था। वहीं इस मामले की सुनवाई के आखिरी दिन महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि इस मामले में राजनीति के अलावा कुछ भी नहीं है। ।
मामला राजनीतिक
महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट ने कहा कि जस्टिस लोया की मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन इस मामले में याचिका सिर्फ राजनीति के तहत दायर की गई है। न्यायपालिका की स्वतंत्रता के नाम पर लोग घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। इससे पहले कोर्ट को यह जानकारी दी गई थी कि जब जस्टिस लोया की मृत्यु हुई थी तो चार जज वहां मौजूद थे। 1 दिसंबर 2014 को जस्टिस लोया की मृत्यु के वक्त सभी जज वहां मौजूद थे और उन लोगों ने लिखित तौर पर अपना बयान दिया है। मेडिकल रिकॉर्ड में यह साफ है कि वह कई बार प्रयास के बाद भी नहीं बचाया जा सका। यही नहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि जब उन्हें अस्पताल लाया गया तो उनकी मृत्यु हो चुकी थी। आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार की ओर से इस मामले में मुकुल रोहतगी बतौर वकील पेश हुए थे।
हरीश साल्वे का तीखा सवाल
इस मामले में वरिष्ठ वकील हरीष साल्वे ने कहा कि इस मामले की जांच का आदेश नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से यह स्थापित होगा कि जस्टिस लोया की हत्या के पीछे षड़यंत्र में सभी चार जज भी शामिल हैं। साल्वे ने पूछा कि क्या सिर्फ एक व्यक्ति के लिए पूरे सिस्टम को नचाया जाएगा, ऐसे में न्यापालिका बंद हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में कई तरह के आरोप लगाए गए। क्या जस्टिस लोया के साथ जो जज मौजूद थे उन्होंने उन्हें अंतिम समय में छोड़ दिया था, क्या वह भी हत्या में दोषी हैं।