सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश मामले पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित
तीन जजों की पीठ ने कहा कि सबरीमाला में महिलाओं को एंट्री से जुड़ा मामला संवैधानिक पीठ को भेजा जाना चाहिए या नहीं, इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है।
नई दिल्ली। केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध से जुड़ा मामला संवैधानिक पीठ को भेजा जाए या नहीं इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने अमाइकस क्यूरी के साथ-साथ इससे जुड़े सभी पक्षों को इस मामले में संवैधानिक पीठ से पूछे जाने वाले सवालों की सूची तैयार करने को कहा है।
तीन जजों की पीठ ने फैसला रखा सुरक्षित
तीन जजों की पीठ ने कहा कि सबरीमाला में महिलाओं को एंट्री से जुड़ा मामला संवैधानिक पीठ को भेजा जाना चाहिए या नहीं, इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। कोर्ट की ओर से कहा गया कि इस मामले में सभी पक्षों से जुड़े पक्षकार अपना सवाल तैयार कर लें जो संवैधानिक रूपरेखा के अनुरूप होना चाहिए। कोर्ट ने मामले के पक्ष में और विरोध में दायर सभी पक्षों से सवाल तैयार करने को कहा है। बता दें कि पिछले साल 7 नवंबर को केरल सरकार ने सर्वोच्च अदालत को बताया था कि वह सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के समर्थन में है। इससे पहले केरल की एलडीएफ सरकार ने 2007 में महिलाओं के प्रवेश पर प्रोग्रेसिव स्टैंड रखा था लेकिन कांग्रेस नेतृत्व वाली यूडीएफ सरकार ने बाद मे इस फैसले को रद्द कर दिया था।
यूडीएफ के सत्ता में आने के बाद कहा गया कि 10-50 साल की महिलाओं का मंदिर में प्रवेश परंपरा के खिलाफ है, पुराने समय से इसका पालन किया जा रहा है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई, 2016 को इस मामले में संकेत दिए थे कि वह इस मामले को 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ को भेज सकता है, क्योंकि ये मामला मौलिक अधिकारों के हनन का है।
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