RTI के तहत जानकारी नहीं देने पर RBI के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित
नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(RBI) के खिलाफ दायर की गई दो याचिकाओं की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। आरबीआई के खिलाफ दो याचिकाएं दायर की गई थी। रिजर्व बैंक पर आरटीआई के तहत जानकारी नहीं साझा करने के आरोप में याचिका दायर की गई थी, जिसके सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में गिरिश मित्तल और सुभाष चंद्रा नाम के याचिकाकर्ताओं ने अपील कर रिजर्व बैंक के खिलाफ याचिका दायर की थी। अपनी याचिका में इन दोनों ने केंद्रीय बैंक पर आरोप लगाया था कि आरबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए RTI के तहत मांगी गई जानकारी देने से इंकार कर दिया। जस्टिस एल नागेश्वर राव ने याचिका की सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि आरबीआई और पूर्व आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना करते आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी साझा करने से इंकार कर दिया।
वहीं एक दूसरे मामले में भी आरबीआई को झटका लगा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू होते ही आरबीआई को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा। दरअसल अपने एक सर्कुलर में RBI ने कहा था कि 180 दिनों के भीतर 2000 करोड़ रुपए से अधिक कर्ज वाले खातों की किस्त और ब्याज अगर नहीं चुकाया जाता है तो उनके खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू की जाएगी, लेकिन RBI के इस सर्कुलर को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि ये आरबीआई के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
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