क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

अवमानना केस में सुप्रीम कोर्ट ने अस्वीकार की प्रशांत भूषण की सफाई, करना होगा मुकदमे का सामना

Google Oneindia News

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 11 साल पुराने अवमानना के मामले में सीनियर वकील प्रशांत भूषण की सफाई को अस्वीकार कर दिया है। अब प्रशांत भूषण को मामले में मुकदमें का सामना करना होगा। सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले को आगे चलाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तारीख दी है। प्रशांत भूषण के साथ पत्रकार तरुण तेजपाल भी मामले में केस का सामना करेंगे। तरुण तेजपाल ने माफी मांगी थी लेकिन उनकी माफी को भी कोर्ट ने नहीं माना है।

Recommended Video

Contempt Case: Prashant Bhushan की सफाई से नहीं माना Supreme Court, होगी सुनवाई | वनइंडिया हिंदी
अवमानना केस में सुप्रीम कोर्ट ने अस्वीकार की प्रशांत भूषण की सफाई, करना होगा मुकदमे का सामना

जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की वाली पीठ ने सोमवार को मामले पर कहा कि वह मामले को सुना जाएगा और तय किया जाएगा कि न्यायाधीशों के बारे में भ्रष्टाचार पर टिप्पणी असल में अवमानना है या नहीं। मामले को लेकर प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी सफाई पेश की थी। 2009 के इस मामले में भूषण ने अपने बयान पर खेद जताते हुए कहा कि मेरे कहने का तात्पर्य भ्रष्टाचार नहीं था, बल्कि सही तरीके से कर्तव्य न निभाना था। सोमवार को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट को तय करना था कि इसे स्वीकार करते हुए भूषण और तेजपाल के खिलाफ अवमानना मामले को बंद कर दिया जाए या केस बढ़ाया जाए। कोर्ट ने मामले को बढ़ाने का आदेश दिया है।

प्रशांत भूषण के खिलाफ उच्चतम न्यायलय की अवमानना का ये मामला 11 साल पुराना, 2009 का है। इस समय तहलका को दिए गए इंटरव्यू में प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के 16 में से 8 पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को को भ्रष्ट कहा था। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भूषण और तेजपाल को अवमानना नोटिस जारी किया था। तरुण तेजपाल उस समय तहलका पत्रिका के संपादक थे।

ये भी पढ़ें-मीडिया कवरेज को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं रिया, कहा- न्यूज चैनल मुझे दोषी घोषित कर चुके हैंये भी पढ़ें-मीडिया कवरेज को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं रिया, कहा- न्यूज चैनल मुझे दोषी घोषित कर चुके हैं

English summary
Supreme Court refuses to accept the expression of regret by lawyer Prashant Bhushan in 11 year old contempt of court case against him
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X