सोशल मीडिया का दुरुपयोग खतरनाक, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस
नई दिल्ली। सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से नोटिस जारी कर सोशल मीडिया के लिए दिशानिर्देश सेट करने को कहा है। कोर्ट ने ये बात उस याचिका पर कही है, जिसमें आधार को सोशल मीडिया अकाउंट से लिंक करने की मांग की गई है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अगले 21 दिनों के भीतर केंद्र से रिपोर्ट की मांग की है।
कोर्ट ने कहा, "हम यह कहकर दूर नहीं जा सकते कि हमारे पास ऑनलाइन अपराध करने वालों को ट्रैक करने की तकनीक नहीं है, अगर ऐसा करने की तकनीक है, तो इसे रोकने की तकनीक भी है।"
सुप्रीम कोर्ट ने इसी महीने की शुरुआत में केंद्र से 24 सितंबर (आज) को भविष्य में आधार को सोशल मीडिया प्रोफाइल से जोड़ने की योजना बनाने के बारे में शीर्ष अदालत को अवगत कराने को कहा था। शीर्ष अदालत ने अगस्त में मद्रास उच्च न्यायालय को इस मामले पर कोई भी निर्णय देने से रोक दिया था, जब फेसबुक ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग की थी।
मूल जनहित याचिका मद्रास हाईकोर्ट में दो नागरिकों एंटनी क्लेमेंट रुबिन और जननी कृष्णमूर्ति द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट के साथ आधार को जोड़ने की मांग की थी, जिस पर तमिलनाडु सरकार ने भी सहमति व्यक्त की थी, ताकि सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों पर रोक लगाई जा सके। वहीं फेसबुक ने यह तर्क देते हुए कहा कि आधार को सोशल मीडिया अकाउंट से जोड़ना यूजर्स की प्राइवेसी का उल्लंघन होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की पिछली सुनवाई में कहा था कि नफरत फैलाने वाले संदेशों और फर्जी खबरों की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए ऑनलाइन गोपनीयता के अधिकार और राज्य के अधिकार के बीच संतुलन खोजना महत्वपूर्ण है।
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