राजनीतिक दलों को RTI के तहत लाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र सरकार, चुनाव आयोग को नोटिस
राजनीतिक दलों को आरटीआई के तहत लाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस
नई दिल्ली। राजनीतिक दलों को सूचना का अधिकार (आरटीआई) के दायरे में लाने को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्शन कमीशन और सरकार से इस पर अपना जवाब देने को कहा है। दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि देश के सभी प्रमुख राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को आरटीआई के भीतर लाने को लेकर आदेश दिया जाए, जिससे उनकी जवाबदेही तय हो।
याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से ये निर्देश देने की मांग की है कि सभी पंजीकृत और मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियां चार सप्ताह के भीतर जन सूचना अधिकारी, सक्षम प्राधिकरण नियुक्त करें और आरटीआई कानून, 2005 के तहत सूचनाओं का खुलासा करें। याचिका में मांग की गई है कि जन प्रतिनिधि कानून की धारा 29सी के अनुसार राजनीतिक दलों को मिलने वाले दान की जानकारी भारत के चुनाव आयोग को दी जानी चाहिए क्योंकि राजनीतिक दल आरटीआई कानून 2005 की धारा 2(एच) के तहत सार्वजनिक प्राधिकरण हैं।
बार-बार सवालों के घेरे में क्यों आता जा रहा है चुनाव आयोग?
याचिका में मांग की गई है कि चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करे कि राजनीतिक दलों द्वारा जनप्रतिनिधि कानून, आरटीआई कानून, आयकर कानून, आचार संहिता और अन्य चुनावी नियमों के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर उनकी मान्यता रद्द की जाए या उन पर अन्य जुर्माना लगाया जाए।
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