केंद्रीय विद्यालयों के प्रार्थना पर सवाल, कहा-धर्म विशेष को मिल रहा है बढ़ावा
नई दिल्ली। देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में हर दिन सुबह की प्रार्थना हिंदी या फिर संस्कृति में होती हैं, लेकिन अब इसे लेकर सुप्रीम ने सवाल उठाया है।देश की कबसे बड़ी अदालत ने सवाल उठाया है कि देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में प्रार्थना हिंदी या फिर संस्कृत में क्यों होती है? इसे लेकर केंद्र सरकार और केंद्रीय विश्वविद्यालयों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। कोर्ट ने याचिका की सुनवाई के बाद सरकार और केंद्रीय विद्यालयों को ये नोटिस जारी कर 4 हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है।
कोर्ट से सवाल किया है कि क्या स्कूलों में हिंदी और संस्कृत में होने वाली प्रार्थना से किसी खास धर्म को बढ़ावा मिल रहा है। कोर्ट ने स्कूलों से पूछा है कि स्कूलों में सर्वधर्म प्रार्थना क्यों नहीं कराई जा सकती?
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सवाल उठाया गया है कि आखिर स्कूलों में हिंदी और संस्कृत में ही प्रार्थना क्यों कराई जाती है? याचिकाकर्ता ने इसे असंवैधानिक और संविधान के खिलाफ बताया।