UK में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस
नई दिल्ली। कोरोना वायरस का कहर पूरा विश्व झेल रहा है और इस कारण कई देशों में भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। यूके में फंसे ऐसे ही छात्रों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें अदालत से मांग की गई है कि वह केंद्र सरकार को यूके में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने का निर्देश दे। इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
वकील मधुरिमा मृदुल की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से विस्तृत जवाब मांगा है। इसी तरह की एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में भी दायर की गई थी। जिसपर केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में कहा था कि लॉकडाउन के चलते जो स्थिति है, उसमें कोरोना प्रभावित देशों से भारतीयों को निकालना मुमकिन नहीं है। वकील गौरव कुमार ने दिल्ली हाईकोर्ट में पीआईएल दायर कर अदालत से अपील की थी कि वो विदेश मंत्रालय को बांग्लादेश में फंसे मेडिकल के छात्रों को निकालने का आदेश दें।
विदेश मंत्रालय की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में एफिडेविट में कहा गया था कि फिलहाल, बांग्लादेश या किसी भी देश में फंसे हुए छात्रों या नागरिकों को लाना संभव नहीं हो पाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में लॉकडाउन है और सभी उड़ानें भी इस समय बंद हैं। विदेश मंत्रालय की ओर से आदालत को बताया गया कि अलग-अलग देशों में विदेश में फंसे भारतीयों के लिए सरकार ने एक हेल्पलाइन स्थापित की है। ये विदेश में फंसे नागरिकों और छात्रों के लिए 24 घंटे काम कर रही है।
पिछले दिनों विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों की वापसी को लेकर नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि इनकी वापसी 15 अप्रैल के बाद ही हो सकेगी। हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद हालात को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें बहाल करने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि ये इस बात पर निर्भर करेगा कि किस देश से फ्लाइट आ रही है।