15 मार्च से हाइब्रिड तरीके से मामलों की सुनावई करेगा सुप्रीम कोर्ट, बार एसोसिएशन ने किया चुनौती देने का फैसला
नई
दिल्ली।
सुप्रीम
कोर्ट
में
15
मार्च
से
'हाइब्रिड'
भौतिक
सुनवाई
शुरु
होगी।
आपको
बता
दें
कि
कोरोना
महामारी
के
चलते
पिछले
साल
मार्च
से
वीडियो
कॉन्फ्रेंसिंग
के
जरिए
सुनावाई
हो
रही
है।
न्यायालय
ने
'हाइब्रिड'
भौतिक
सुनवाई
के
लिए
मानक
संचालन
प्रक्रिया
(एसओपी)
जारी
की
है।
वहीं,
सुप्रीम
कोर्ट
बार
एसोसिएशन
ने
इस
एसओपी
ने
न
स्वीकार
करने
का
फैसला
किया
है।
एसोसिएशन इस फैसले को चुनौती देने के लिए याचिका दायर करेगी। कोर्ट ने प्रायोगिक आधार पर हाइब्रिड मोड में मामलों की सुनवाई के लिए एक पायलट योजना तैयार की है। योजना के अनुसार, एक मामले में पार्टियों की संख्या और कोर्ट रूम की सीमित क्षमता पर विचार करने के बाद, मंगलवार और बुधवार और गुरुवार को सूचीबद्ध अंतिम सुनवाई और नियमित मामलों को हाइब्रिड मोड में सुना जाएगा।
आपको बता दें कि अब से एक महीने पहले बार काउंसिल आफ इंडिया ने मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के हवाले से बताया था कि सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही हाइब्रिड तरीके से फिजिकल सुनवाई शुरू की जाएगी। उस वक्त बताया गया था कि सुप्रीम कोर्ट में फिजिकल सुनवाई बहाल कराने के लिए मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, और सालिसिटर जनरल तुषार मेहता, बार काउंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने बैठक कर इस विषय पर विचार विमर्श किया।
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