SC ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश को सरेंडर करने को कहा, 10 दिन की दी प्रोटेक्शन
नई दिल्ली, 27 जनवरी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे भाजपा विधायक नितेश राणे को गिरफ्तारी से 10 दिनों की प्रोटक्शन प्रदान की है। सीजेआई एनवी रमना की अगुवाई वाली बेंच ने पिछले महीने सिंधुदुर्ग जिले में दर्ज हत्या के प्रयास के मामले में लोअर कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण करने को कहा है और रेगुलर जमानत लेने का निर्देश दिया।

शीर्ष अदालत का यह आदेश राणे की उस याचिका पर आया है जिसमें उन्होंने हत्या के प्रयास के मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के 17 जनवरी के मुंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी।
बता दें केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे और महाराष्ट्र में बीजेपी विधायक नितेश राणे शिवसेना कार्यकर्ता पर जानलेवा हमले के मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने इस मामले में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। राणे ने बॉम्बे हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका रद्द करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
रोहतगी ने गुरुवार को अपने आरोप को दोहराया कि मामला राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम था। महाराष्ट्र राज्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे हत्या के प्रयास का एक गंभीर मामला बताया और पुलिस द्वारा आरोपी को जिम्मेदार ठहराने का विवरण दिया।
गौरतलब है कि राणे पर महाराष्ट्र के कंकावली इलाके में पिछले साल 18 दिसंबर को शिवसेना के एक कार्यकर्ता की हत्या के प्रयास का मास्टरमाइंड होने का कथित आरोप है। सिंधुदुर्ग सत्र न्यायालय और बॉम्बे उच्च न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। महाराष्ट्र सरकार ने आश्वासन दिया था कि राणे के खिलाफ 27 जनवरी तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी ताकि वह उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकें।
राणे ने बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया था कि उनके खिलाफ प्राथमिकी इसलिए थी क्योंकि उन्होंने शिवसेना नेता और राज्य के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे का मजाक उड़ाया था और प्राथमिकी 30 दिसंबर 2021 सिंधुदुर्ग सहकारी बैंक में उनकी भागीदारी को रोकने के एकमात्र उद्देश्य से दर्ज की गई थी। जिला चुनाव। राज्य पुलिस ने तर्क दिया कि उनके पास अपने मामले का समर्थन करने के लिए circumstantial evidence हैं और जांच पूरी करने के लिए उन्हें राणे की हिरासत की आवश्यकता है।