डॉक्टर को सस्पेंड करने पर SC ने दिल्ली सरकार को लगाई फटकार, कहा- न करें सच्चाई छिपाने की कोशिश
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 3.5 लाख के पार पहुंच गई है। राजधानी दिल्ली भी कोरोना से बुरी तरह प्रभावित है। इसके साथ ही अब कोरोना मरीजों के इलाज और उनके शवों की देखभाल का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। जिस पर बुधवार को तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की। मामले में नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई है। साथ ही पूरे मामले में जवाब मांगा है। कोर्ट ने सरकार को स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आप सच्चाई को छिपा नहीं सकते हैं। जिस डॉक्टर ने वीडियो बनाकर अस्पतालों की सच्चाई उजागर की, आपने उसे क्यों सस्पेंड कर दिया? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप मैसेज देने वालों को निशाना नहीं बना सकते हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों को धमकी न दें, बल्कि उनका समर्थन करें। सभी कोरोना मरीजों को अच्छा इलाज मिले और शवों को सम्मान पूर्वक रखा जाए, इस ओर सरकार कदम उठाए। कोर्ट ने पूछा कि दिल्ली सरकार ने क्या किया है? डॉक्टर और नर्स कोरोना वॉरियर्स हैं, आप उनकी रक्षा करें। कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे लगता है कि दिल्ली सरकार सच सामने नहीं आने देना चाहती है। कोर्ट ने मामले में दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। साथ ही मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
महज 97 दिनों के भीतर भारत में कोरोना से मरने वालों की संख्या 11 हजार के पार पहुंची
सैलरी
देने
में
न
हो
देरी
एक
अन्य
याचिका
पर
सुनवाई
करते
हुए
सुप्रीम
कोर्ट
ने
कहा
कि
कोरोना
वायरस
के
खिलाफ
जंग
लड़
रहे
फ्रंटलाइन
हेल्थवर्कर
को
सैलरी
मिलने
में
देरी
नहीं
होनी
चाहिए।
अदालत
ने
केंद्र
सरकार
से
ये
सुनिश्चित
करने
को
कहा
है
कि
डॉक्टरों
और
मेडिकल
स्टाफ
को
सैलरी
मिलने
में
न
देरी
हो
और
न
ही
उनकी
सैलरी
में
कोई
कटौती
हो।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
डॉ.
आरुषि
जैन
की
याचिका
पर
सुनवाई
करते
हुए
ये
आदेश
दिया
है।