सरकार बताए रोहिंग्याओं को कितनी मिल रही हैं मूलभूत सुविधाएं: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। भारत में रोहिंग्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार सप्ताह का वक्त देते हुए, विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने सुनवाई में केंद्र सरकार से कहा कि दिल्ली और हरियाणा के कैंपों ( मेवात, फरीदाबाद और दिल्ली) में कितने रोहिंग्या मुसलमान है, उसके आंकड़ों की रिपोर्ट पेश करें। कोर्ट ने साथ में सरकार से यह भी पूछा है कि रोहिंग्याओं को कितनी मूलभूत सुविधाएं मिल रही हैं, इसके बारे में जानकारी उपलब्ध करवाएं।
भारत में रोहिंग्या शरणार्थियों ने आरोप लगाया था कि उन्हें शौचालयों, पेयजल और अन्य लोगों की तरह बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई, जिससे बदले में शिविरों में बच्चों और बुजुर्ग डायरिया का शिकार हो रहे हैं।
सु्प्रीम कोर्ट ने 19 मार्च को रोहिंग्या शरणार्थियों को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था और केंद्र सरकार के तर्क को सही ठहराया था, जिसमें सरकार ने कहा था कि मीडिया में सुर्खियों हासिल कर म्यांमार और बांग्लादेश से राजनयिक संबंधों पर असर पड़ सकता है।
अगस्त में केंद्र सरकार ने ऐलान किया था कि देश में रहने वाले रोहिग्या शरणार्थियों को उनके वतन भेजा जाएगा क्योंकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं। कोर्ट में रोहिंग्या के लिए वकील प्रशांत भूषण पैरवी कर रहे हैं।