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पति भी नहीं कर सकता पत्नी का ATM इस्तेमाल, 4 साल केस लड़ने के बाद भी महिला को मिली हार

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नई दिल्ली। अक्सर आपने देखा और किया होगा कि लोग अपने पति या पत्नी का ATM कार्ड इस्तेमाल कर पैसे निकाल लेते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो जरा संभल जाइए। बेंगलुरु की महिला के साथ जो हुआ वो सीख लेने वाली घटना है, जिसमें साढ़े तीन साल तक केस लड़ने के बावजूद महिला को हार हाथ लगी। कोर्ट ने ATM ट्रांजेक्शन के नियमों का हवाला देते हुए बैंक के हक में फैसला दिया और महिला को 25000 रुपए से हाथ धोना पड़ा। दरअसल महिला ने अपने पति को अपना एटीएम कार्ड देकर पैसे निकालने के लिए कहा था, लेकिन ये उनकी बड़ी भूल साबित हुई। आइए जानें क्या है पूरा मामला...

 पति भी नहीं कर सकता पत्नी के एटीएम का इस्तेमाल

पति भी नहीं कर सकता पत्नी के एटीएम का इस्तेमाल

बेंगलुरु के मराठाहल्ली इलाके में रहने वाली वंदना ने 14 नवंबर 2013 को अपने पति राजेश को अपना एटीएम कार्ड देकर पैसा निकालने के लिए भेजा था। पति ने एटीएम से पैसे निकालने के लिए मशीन में कार्ड डाला, लेकिन तो नहीं निकले, खाते से बैलेंस कट गया। वंदना के खाते से 25000 रुपए निकल गए, लेकिन एटीएम मशीन से कैश नहीं निकला। राजेश ने फौरन एसबीआई के कॉल सेंटर पर फोन कर पूरी घटना की जानकारी दी। 24 घंटे के बाद भी पैसा रिफंड नहीं आया तो वो एसबीआई के ब्रांच में गया और शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन कुछ ही दिनों बाद बैंक ने इसका रिफंड लौटाने के बजाए केस क्लोज कर दिया।

 ATM पिन शेयर हुआ, इसलिए केस खत्म

ATM पिन शेयर हुआ, इसलिए केस खत्म

बैंक ने दलील दी कि कार्ड होल्डर ने एटीएम पिन किसी दूसरे शख्स के साथ शेयर किया जो बैंक के नियमों के खिलाफ है। पीड़ित राजेश ने एटीएम में लगे सीसीटीवी फुटेज भी दिखाए, जिसमें साफ-साफ दिख रहा था कि मशीन से पैसा नहीं निकला, लेकिन बैंक की जांच समिति ने यह कहते हुए केस को खत्म कर दिया कि खाताधारक वंदना ने एटीएम पिन को पति के साथ साझा किया, जो उनके नियमों के खिलाफ था, इसलिए केस बंद किया जाता है।

 कोर्ट ने भी जताई सहमति

कोर्ट ने भी जताई सहमति

इसके बाद पीड़ितों ने 21 अक्टूबर 2014 को उपभोक्ता फोरम में अर्जी दाखिल की। साढ़ें तीन साल तक केस चलता रहा। पीड़ित ने दलील दी कि खाताधारक वदंना मैटरनिटी लीव पर थी और वो स्वास्थ्य कारणों से एटीएम नहीं जा सकती थी, इसलिए उन्होंने एटीएम का इस्तेमाल किया। कोर्ट ने इस दलील पर कहा कि किसी दूसके के साथ पिन नंबर शेयर करना नियमों का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि अगर खाताधारक खुद नहीं जा सकने की हालत में थी तो उन्हें सेल्फ चेक या फिर अधिकार पत्र देकर पति को पैसा निकालने के लिए भेजना चाहिए। कोर्ट ने बैंक के हक में फैसला सुनाते हुए केस को खत्म कर दिया।

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English summary
A casual act of letting your spouse or a close relative/friend withdraw money from an ATM using your debit card could prove costly. This is what a Benglauru woman on maternity leave recently learnt, albeit the hard way.
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