आखिर अदानी को कैसे मिला 1 अरब डॉलर का कर्ज?
नयी दिल्ली। पिछले दस सालों में हमेशा कांग्रेस ही सवालों के घेरे में रही है लेकिन लोकसभा चुनावों में बुरी तरह से हारी कांग्रेस के मुंह में अब जुबान आ गई है इसलिए वो अब तथ्यों के आधार पर सत्तासीन बीजेपी से प्रश्न पूछ रही है।
बुधवार को कांग्रेस ने एक प्रेसवार्ता करके सीधे तौर पर पीएम मोदी और बीजेपी पर सवालों की बौछार कर दीं। कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए पूछा है कि आखिर किस आधार पर एसबीआई ने अदाणी ग्रुप एक अरब डॉलर का ऋण दिया है। क्या इसके पीछे राजनैतिक कारण है या फिर अदाणी को पीएम मोदी के करीबी होने का फायदा मिल रहा है।
जिसपर बौखलाई भाजपा ने आज कहा कि सरकारी बैंक अपने वाणिज्यिक फैसले खुद लेता है और उसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं थी और नाही कभी होगी। कांग्रेस की ओर से उठाये गये सारे सवाल बेबुनियाद और गलत है। हमारी ओर से किसी भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया गया है। जो कुछ भी कांग्रेस कह रही है वो गलत है, उल्टा केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस से ही सवाल कर दिया कि हम पर अंगुली उठाने वाली कांग्रेस पहले यह बतायें कि एसबीआई ने वर्ष 2010 में जिंदल पावर को भी 1.7 अरब डालर का ऋण दिया था तो क्या उनके कहने पर दिया था।
अदानी पीएम के करीब हैं इसलिए मिल रहा है फायदा: कांग्रेस
मालूम हो कि कांग्रेस प्रवक्त संजय निरूपम ने एबीपी न्यूज पर साफ तौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सबकुछ पीएम के ही कहने पर हो रहा है, हमें तो पूरा शक है कि पीएम का पूरा आस्ट्रेलिया दौरा अदाणी ग्रुप के लिए ही था। गौरतलब है कि अदाणी समूह के मालिक अदाणी प्रधानमंत्री के कारोबारी प्रतिनिधि मंडल में शामिल हैं। हालांकि स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने साफ कहा है कि यह आपसी सहमति का समझौता है, यह कर्ज की मंजूरी नहीं है जो कि हमने जारी की है लेकिन कांग्रेस चुप होने को तैयार नहीं है।